अर्थतंत्र

तरक्की की रफ्तार पर लगा ब्रेक, विकास दर गोता खाकर 5 फीसदी पर पहुंची, 7 साल का निचला स्तर

वर्तमान वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़ों ने सरकार को फिर से बैकफुट पर पहुंचा दिया है। इससे पिछली तिमाही यानी वित्त वर्ष 2018-19 के जनवरी-मार्च की अवधि में जीडीपी ग्रोथ रेट 5.8 फीसदी था। वहीं, पिछले साल इसी तिमाही में यह दर 8 फीसदी थी।

फोटोः सोशल मीडिया
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तेजी से गिर रही देश की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए मोदी सरकार ने शुक्रवार को एक नया दांव चलते हुए कई सरकारी बैंकों का एक साथ विलय करने का ऐलान किया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 10 सरकारी बैंकों (पीएसबी) का अलग-अलग विलय कर इनकी संख्या अब चार बैंक कर दी है।

लेकिन मजे की बात ये है कि अर्थव्यवस्था की बिगड़ी हालत से घबराई सरकार की ओर से निर्मला सीतारमण जिस समय इन सरकारी बैंकों के विलय का ऐलान कर अर्थव्यवस्था में मजबूती आने का ऐलान कर रही थीं, ठीक उसी समय जारी हुए आंकड़े सरकार को मुंह चिढ़ा रहे हैं और देश को गहरी चिंता में ले जा रहे हैं।

Published: 30 Aug 2019, 8:02 PM IST

शुक्रवार शाम सीएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी गिरकर 5 प्रतिशत पर आ गई है, जो कि 7 साल के निचले स्तर पर है। वर्तमान वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़ों ने सरकार को फिर से बैकफुट पर पहुंचा दिया है। इससे पहली तिमाही यानी वित्त वर्ष 2018-19 के जनवरी-मार्च में जीडीपी ग्रोथ रेट 5.8 फीसदी था। वहीं, पिछले साल इसी तिमाही में यह दर 8 फीसदी थी।

Published: 30 Aug 2019, 8:02 PM IST

गौरतलब है कि जीडीपी के आंकड़े जारी होने से कुछ ही देर पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक साथ सभी चैनलों पर अवतरित हुईं और 10 सरकारी बैंकों के विलय का ऐलान करते हुए दावा किया कि देश की अर्थव्यवस्था सही हालात में है। सीतारमण ने बैंकों के एनपीए (नॉन पफॉर्मिंग ऐसेट) कम होने और मुनाफा बढ़ने का ऐलान करते हुए दावा किया कि कर्ज वसूली रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।

Published: 30 Aug 2019, 8:02 PM IST

लेकिन जीडीपी के आंकड़े एक तरह से वित्त मंत्री के दावों को मुंह चिढ़ा रहे हैं। जीडीपी किसी भी देश की आर्थिक सेहत को मापने का सबसे जरूरी और मान्य पैमाना है। जीडीपी किसी ख़ास अवधि के दौरान देश के भीतर वस्तु और सेवाओं के उत्पादन की कुल कीमत पर आधारित होती है। इसकी गणना भारत में हर तीन महीने पर यानी तिमाही आधार पर होती है।

Published: 30 Aug 2019, 8:02 PM IST

बता दें कि निर्मला सीतारणण ने जो ऐलान किया उसके अनुसार ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को पंजाब नेशनल बैंक में मिला दिया जाएगा। केनरा बैंक और सिंडीकेट बैंक का आपस में विलय होगा, जबकि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक को मिलाकर एक बैंक बनाया जाएगा। इसी तरह से इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक को मिलाकर एक बैंक का गठन किया जाएगा।

Published: 30 Aug 2019, 8:02 PM IST

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Published: 30 Aug 2019, 8:02 PM IST