क्रिकेट विश्व कप 2019

भारतीय टीम के चयन में हैं खामियां,  ऐसे में विश्व कप कैसे जीत पाएगी टीम इंडिया?

भारतीय टीम की चयन प्रक्रिया में कई तरह की खामियां हैं और अगर इन्हें सही समय रहते नहीं सुधारा गया तो नतीजा विश्व कप का हाथ से जाना भी हो सकता है। यह मानना है पूर्व ब्रॉडकास्टर और वरिष्ठ क्रिकेट लेखक आशीष रे का।

फोटो: आईएएनएस
फोटो: आईएएनएस 

भारतीय टीम की चयन प्रक्रिया में कई तरह की खामियां हैं और अगर इन्हें सही समय रहते नहीं सुधारा गया तो नतीजा विश्व कप का हाथ से जाना भी हो सकता है। यह मानना है पूर्व ब्रॉडकास्टर और वरिष्ठ क्रिकेट लेखक आशीष रे का। आशीष ने 42 साल इंग्लैंड में क्रिकेट कवर किया है। उन्होंने 1979 से हर विश्व कप कवर किया है।

Published: 01 Jul 2019, 10:30 PM IST

रे ने हाल ही में भारत के परिदृश्य से विश्व कप के इतिहास पर किताब लिखी है जिसका नाम 'क्रिकेट वर्ल्ड कप : द इंडियन चैलेंज है।' रे ने कहा है कि इंग्लिश समर के पहले हाफ में भारत को तीन तेज गेंदबाजों के साथ जाना था न कि दो स्पिनरों के। मोहम्मद शमी के प्रदर्शन और जसप्रीत बुमराह के औसत ने इस बात को साबित कर दिया है कि भारत को शुरू से तीन तेज गेंदबाजों के साथ उतरना चाहिए था। रे ने कहा, "दो स्पिनरों के लिए विकेट पर टर्न कहां है? दो कलाई के स्पिनरों के लिए विकेट में उछाल कहां है?"

Published: 01 Jul 2019, 10:30 PM IST

रे ने कहा, "ऐसा लगता है कि भारत आईसीसी रैंकिंग से प्रभावित हो गई लेकिन उसने मैदान के हिसाब से खिलाड़ी चुनने की नीति नहीं अपनाई। कुलदीप यादव की हाल के मैचों में कलई खुल गई। वह अब मिस्ट्री नहीं रह गए। इसके अलावा उन्होंने इस टूर्नामेंट में अभी तक गुगली कम ही डाली हैं।" रे ने कहा, "कुलदीप ने छह मैचों में पांच विकेट लिए हैं और 279 रन दिए हैं जो निराशाजनक प्रदर्शन है। अगर कोई सूखी विकेट होती तो दो स्पिनर आ सकते थे उसमें भी आपका एक स्पिनर रवींद्र जडेजा या फिंगर स्पिनर होना चाहिए था, जो अमतौर पर इंग्लैंड में गेंद को अच्छे से पकड़ सके।"

Published: 01 Jul 2019, 10:30 PM IST

रे ने रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए मैच में भारत की अंतिम-11 के चयन पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा, "एजबेस्टन में स्पिनरों को कभी-कभार ही मदद मिलती है। विश्व कप में यहां हुए पहले के दोनों मैचों में तेज गेंदबाजों को मदद मिली थी। इसके बाद भी भारतीय टीम दो स्पिनरों के साथ गई। उसने छोटी बाउंड्री पर भी ध्यान नहीं दिया। इसमें आश्चर्य की बता नहीं है कि कुलदीप और चहल ने 20 ओवरों में 160 रन दिए। यहीं भारतीय टीम ने मैच गंवा दिया था।"

रे ने नंबर-4 के खिलाड़ी के चयन पर भी सवाल उठाते हुए कहा है, "आप विश्व कप के बीच में प्रयोग नहीं कर सकते। दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया के खिलाफ हार्दिक पांड्या सफल हुए थे और भारत को उन्हीं के साथ जाना चाहिए था। उन्हें अतिरिक्त समय मिलता तो वह लंबी पारी खेल सकते हैं और सामने वाली टीम को खत्म कर सकते हैं।"

Published: 01 Jul 2019, 10:30 PM IST

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Published: 01 Jul 2019, 10:30 PM IST