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सुप्रीम कोर्ट से गुजरात सरकार को झटका, बिलकिस बानो को 50 लाख मुआवजा, सरकारी नौकरी और घर देने के आदेश 

बता दें कि गुजरात दंगों के दौरान बचकर भाग रही बिलकिस और उनके परिवार पर 3 मार्च, 2002 को हथियारों से लैस दंगाइयों ने बिलकिस बानो का गैंगरेप किया। इतना ही नहीं उनकी 2 साल की बच्‍ची को मार दिया गया।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

बिलिकस बानो केस में गुजरात सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगा मामला में गुजरात सरकार से गैंगरेप पीड़िता बिलकिस बानो को 50 लाख रुपये मुआवजा देने और सरकारी नौकरी भी देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने बिलकिस बानो गैंगरेप केस में फैसला सुनाते हुए ये आदेश दिए हैं। कोर्ट ने इसके लिए गुजरात सरकार को दो सप्‍ताह का समय दिया है। कोर्ट ने बिलकिस बानो को सरकारी नौकरी और उनकी पसंद की जगह पर सरकारी आवास मुहैया कराए जाने के भी आदेश दिए हैं। अदालत ने गुजरात सरकार पर तल्ख लहजे में कहा कि खुद को किस्‍मतवाला समझ‍िए कि हम आपके खिलाफ कोई टिप्‍पणी नहीं कर रहे हैं।

बता दें कि गुजरात सरकार बिलकिस बानो को मुआवजे के तौर पर 5 लाख रुपए देने का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजे की रकम को 10 गुना बढ़ाकर 50 लाख कर दिया।

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बता दें कि गुजरात दंगों के दौरान बचकर भाग रही बिलकिस और उनके परिवार पर 3 मार्च, 2002 को हथियारों से लैस दंगाइयों ने बिलकिस बानो का गैंगरेप किया। इतना ही नहीं उनकी 2 साल की बच्‍ची को मार दिया गया। बिलकिस बानो के परिवार के कुल 14 लोगों को उस दिन मौत के घाट उतार दिया गया था। तब बिलकिस बानो की उम्र सिर्फ 19 साल थी। इनसाफ के लिए बिलकिस ने कई कोर्ट के दरवाजे खटखटाए। अंत में 17 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनके हक में यह फैसला सुनाया है।

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