चीन से निकला कोरोना वायरस महामारी बनकर अब पूरी दुनिया में फैलता जा रहा है। चीन से निकलकर ईरान होते हुए इटली, स्पेन, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस जैसे अमीर और ताकतवर देशों समेत पूरी दुनिया के देशों में अब ये संकट पहुंच चुका है। भारत में भी इस वायरस ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। लेकिन इसके बढ़ते स्वरुप को देखते हुए ऐन समय पर भारत की सरकारों ने लॉकडाउन और कर्फ्यू जैसे कदम उठाकर इसको फिलहाल कहर बनने से रोक रखा है।
लॉकडाउन के साथ ही कोरोना को फैलने से रोकने में सोशल डिस्टेंसिंग, सोशल गैदरिंग से बचने, हाथ नहीं मिलाने, बार-बार हाथ धोने, बाजार और भीड़भाड़ वाली जगह से दूर रहने के कदमों की भी बड़ी भूमिका है। ये सारे उपाय करीब दो महीने से हम लगातार दिन-रात, टीवी, पेपर, रेडियो और सोशल मीडिया के जरिये सुनते आ रहे थे। इसी का नतीजा है कि लॉकडाउन से पहले से ही एक बहुत बड़ी आबादी मानसिक रुप से इसके लिए तैयार थी, क्योंकि उसने इसके पहले के उपायों को शिद्दत से अपनाना शुरू कर दिया था और अपनी जिंदगी के तौर-तरीकों में शामिल कर लिया था।
दरअसल इस दौरान कोरोना वायरस के कहर से बचने के लिए उठाए गए कदमों से पूरी दुनिया में समाज के तौर-तरीके बदल गए हैं। यहां तक कि इस कठिन दौर ने मानवता के तौर-तरीके और मायने भी बदल दिए हैं। इस महासंकट ने आपसी संबंधों की अभिव्यक्ति के तौर-तरीकों के साथ ही सामाजिक स्तर पर भी व्यवहार के तरीकों में जबरदस्त बदलाव किया है, जो शायद इस संकट के टलने के बाद भी जारी रहेंगे। आइए एक-एक कर जानते हैं ऐसे बदलावों के बारे में।
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कोरोना महामारी आने के बाद से इससे बचाव के लिए सबसे पहले लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने और सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल से बचने की सलाह दी गई, जिसका लोगों ने फौरन पाल शुरू कर दिया। ज्यादातर बड़े शहरों में लोगों में इसके प्रति सजगता देखी गई। विशेषज्ञों की राय में अब आने वाले दिनों में भी लोग भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचेंगे। इसका मॉल कल्चर पर सीधा असर पड़ेगा। कोरोना के बाद ज्यादातर लोग मॉल जैसी जगहों पर जाने से बचेंगे। इसके अलावा क्लब और शादी समारोह, जहां सैकड़ों-हजारों की संख्या में भीड़ होती है, वहां भी जाने से लोग बचना चाहेंगे।
कोरोना वायरस के खौफ ने साफ-सफाई को लेकर लोगों को अतिसक्रिय कर दिया है। भारत जैसे देश में जहां आज भी सब चलता है कि मानसिकता देखने को मिलती है, वहां इस संकट ने साफ-सफाई की अहमियत को स्थापित किया है और लोगों में इसकी आदत भी डाली है। भारत में भी लोगों के खाने-पीने की आदतें इस संकट में बदलती दिख रही हैं। अब लोग क्वालिटी और हाइजीन वाले खाने को ही तरजीह दे रहे हैं। फलों और साग-सब्जियों की मांग बढ़ गई है।
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दुनिया भर में लोग कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हाथ मिलाने की आदत से बच रहे हैं। कई देशों में लोग एक-दूसरे के अभिवादन के लिए भारतीय परंपरा में दूर से नमस्कार करने के तरीके को अपना रहे हैं। इजराइल के प्रधानमंत्री, इंग्लैंड के प्रिंस चार्ल्स समेत दुनिया के कई नेताओं ने नमस्कार की भारतीय परंपरा को अपनाने की सलाह दी है।
वहीं इस संकट ने भावनात्मक संबंधों में भी अभिव्यक्ति के तौर-तरीकों को बदल दिया है। पहले किसी के परेशान होने पर उसे छूकर, थपथपा कर दिलासा दिया जाता था। मगर अब यह सामान्य नहीं रहा। यहां तक कि प्रेम का इजहार किस करने से भी लोग परहेज करने लगे हैं। यहां तक कि कई जगहों पर सेक्स करने से भी लोगों को डरते देखा गया है। कुल मिलाकर इस वायरस ने हमारी घर के बाहर से लेकर अंदर तक की कई आदतों को बदलकर रख दिया है। जो लंबे समय तक जारी रहेगा।
कोरोना के फैलने के डर ने दुनिया भर में कंपनियों के कर्मचारियों को वर्क फ्रॉर्म होम करने पर मजबूर कर दिया। आज करोड़ों लोग अपने घरों से काम कर रहे हैं। यहां तक कि बड़े पैमाने पर सरकारी कर्मचारी-अधिकारी भी घरों से काम कर रहे हैं। पसहले कंपनियों की आमतौर पर सोच थी कि कर्मचारी घर से सही से काम नहीं करते, लेकिन इस सोच को इस महामारी ने बदल दिया है। आज तो वैसी कंपनियां और ऑफिस के कर्मचारी भी घरों से काम कर रहे हैं, जो कभी ऑफिस के अलावा कहीं और से काम के बारे में सोच भी नहीं सकते थे। सबसे खास तो ये कि जिन सेक्टर में वर्क फ्रॉम होम का अस्तित्व ही नहीं हो सकता था, जैसे सेल्स वाले, वे भी अब घर से काम कर रहे हैं।
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कोरोना वायरस फैलने के बाद से लोग मॉल, सुपरमार्केट और यहां तक कि घर के पास की दुकानों तक जाने से परहेज कर रहे हैं। इसके बजाय लोग ऑनलाइन शॉपिंग के जरिये घर पर ही सामान मंगा रहे हैं। कोरोना का मामला आने के बाद पिछले 15 दिनों में फ्लिपकार्ट, अमेजन, बिगबास्केट और ग्रोफर्स जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के कारोबार में 20 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इन दिनों में जिन सामानों की मांग में बढ़ोतरी देखी गई, उनमें ग्रॉसरी उत्पाद, सब्जी और रोजाना उपयोग की चीजों की संख्या ज्यादा देखी गई। मतलब साफ है कि आने वाले दिनों में ऑनलाइन शॉपिंग में इजाफ होगा, क्योंकि मजबूरी में ही सही लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग को अपना रहे लोगों की इसकी आदत पड़े जाएगी, जिसका असर आने वाले सालों में दिखेगा।
कोरोना महामारी से पैदा हुए संकट में स्कूल-कॉलेज पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। दुनिया भर में स्कूल्स और यूनिवर्सिटीज इस बात की कोशिश में हैं कि ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखा जा सके। भारत में भी इसी तरह की कोशिशें हो रही हैं। राजधानी दिल्ली में कई स्कूलों और कॉलेजों ने वर्चुअल क्लासेज को अपना लिया है, ताकि बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो। ऐसे में आगे छात्रों को क्लासरूम की बजाय वर्चुअल क्लासेज की आदत पड़ सकती है। कई टेलीकॉम कंपनियों ने तो घर से काम और पढ़ाई के लिए स्पेशल टैरिफ प्लान्स तक जारी कर दिए हैं।
उसी तरह कोरोना संक्रमण के भारत में मामले बढ़ने से यहां भी लोगों में डर बढ़ता जा रहा है। इस डर की वजह से लोग अब फिजिकल करेंसी यानी वास्तविक नोटों का इस्तेमाल कम करने की कोशिश कर रहे हैं और डिजिटल पेमेंट पर जोर दे रहे हैं। कोरोना संकट के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर ने भी कहा है कि जितना संभव हो उतना डिजिटल बैंकिंग का इस्तेमाल करें। इस दौरान बड़े पैमाने पर ऑनलाइन पेमेंट का इस्तेमाल शुरू हो गया है। ऐसे में आने वाले वक्त में देश की एक बड़ी आबादी इसकी अभ्यस्त हो जाएगी, जिसके कारण इसका चलन बढ़ना तय है।
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