
नए साल से पहले देशभर के धार्मिक स्थलों पर भक्तों का सैलाब सा उमड़ पड़ा है। देश भर के प्रमुख तीर्थ केंद्रों में भक्तों की भीड़ बढ़ती जा रही है। वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी पड़ी है। अयोध्या में भी राम लला के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ जुटने लगी है। मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में, ज़िला प्रशासन ने भीड़भाड़ से बचने के लिए कई कदम उठाए हैं। माता वैष्णो देवी मंदिर में पहले से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। वृंदावन में सोमवार को 2 लाख और काशी विश्वनाथ में 3 लाख श्रद्धालु पहुंचे।
अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए 2-2 किलोमीटर लंबी लाइनें लगी हैं। बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन ने 5 जनवरी तक वृंदावन न आने की अपील की है।
राजस्थान के सीकर में खाटूश्यामजी जी के डेढ़ घंटे में श्रद्धालुओं को दर्शन हो पा रहे हैं। नए साल पर उज्जैन महाकाल के दरबार में 12 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है।
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उमड़ी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने दर्शन के नए नियम, एडवाइजरी और दर्शन व्यवस्था में बदलाव किए हैं जिससे आने वाले सभी भक्तों को सुरक्षित, व्यवस्थित और सहज अनुभव मिल सके। यदि आप नए साल पर इन मंदिरों के दर्शन का प्लान बना रहे हैं, तो आपको ये जरूरी नियमों के बारे में जान लेना चाहिए।
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कटरा स्थित दर्शनी ड्योढ़ी पर बड़ी संख्या में तीर्थयात्री माता के दर्शन के लिए एकत्रित हो रहे हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे श्रद्धालु माता रानी के जयकारों के साथ भक्ति में लीन नजर आ रहे हैं। पूरे क्षेत्र का माहौल भक्तिमय हो गया है। इस वर्ष भी नए साल के मौसम में भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए श्राइन बोर्ड ने कुछ महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। इसमें यात्रा से पहले RFID Card (Radio Frequency Identification Card) प्राप्त होने के बाद यात्रियों को 10 घंटे के भीतर यात्रा शुरू करनी होगी और दर्शन के 24 घंटे के अंदर वापस बेस कैंप लौटना होगा। वहीं दर्शन का समय सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक रहेगा।
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मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में मौजूद महाकालेश्वर मंदिर में वैसे तो सालों भर ही भक्तों की भीड़ रहती है, लेकिन नए साल में इस संख्या में असामान्य रूप से बढ़ोतरी देखी जाती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महाकाल मंदिर में एक दिन में 2 लाख से अधिक भक्त दर्शन कर रहे हैं। वहीं नए साल पर 15 लाख भक्तों के आने का अनुमान है। ऐसे में एहतियात बरतते हुए 25 दिसंबर से 1 जनवरी तक के लिए मंदिर में होने वाली भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग को बंद कर दिया गया है। वहीं 1 जनवरी के लिए भस्म आरती की बुकिंग ऑफलाइन भी नहीं होगी। वहीं महाकाल मंदिर में दर्शन का समय सुबह 4 बजे से रात 11 बजे तक रहेगा।
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भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर के दर्शन के लिए भी रोजाना हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। ऐसे में नए साल पर भक्तों की संख्या में और भी उछाल आने की उम्मीद है। नए साल के मौके पर यहां 2 लाख से अधिक भक्तों के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। आरती और दर्शन के लिए जारी किए जाने वाले ऑनलाइन पास पूरी तरह बुक हो चुके हैं। हालांकि राम मंदिर दर्शन के समय में किसी तरह की बदलाव नहीं किया गया है।
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भगवान कृष्ण का प्यारा वृंदावन तो कृष्ण भक्तों का हमेशा से सबसे प्रिय तिर्थस्थल रहा है। यहां के बांके बिहारी मंदिर में वैसे तो पूरे साल भक्तों का तांता लगा रहता है। हर साल की तरह इस वर्ष भी नए साल की छुट्टियों के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचने की उम्मीद है। इसलिए मंदिर प्रशासन ने 29 दिसंबर 2025 से 5 जनवरी 2026 तक भक्तों को सलाह दी है कि यदि संभव हो तो इस अवधि में वृंदावन आने से बचें। मंदिर प्रशासन की मानें तो इस कदम का उद्देश्य सिर्फ भीड़ को नियंत्रित करना ही नहीं है। इसके अलावा भक्तों की सुरक्षा, दर्शन की सुव्यवस्थित प्रक्रिया और भक्तों को किसी भी अप्रिय स्थिति से बचाना भी है। अनुमान है कि नए साल के आसपास भीड़ इतनी अधिक हो सकती है कि बहुत से लोग घंटों कतार में खड़े रहने को मजबूर हो सकते हैं, जिससे बुजुर्ग और बच्चों को बेहद असुविधा हो सकती है।
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