हरियाणा के सोनीपत स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को 'ऑपरेशन सिंदूर' और भारतीय सेना की महिला अधिकारियों कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई।
प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने अंतरिम जमानत दी है। अली खान के मामले की पैरवी वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने की।
Published: undefined
कपिल सिब्बल ने प्रोफेसर अली खान की फेसबुक पोस्ट पढ़ी। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, हर आदमी को अपनी बात कहने का अधिकार है। लेकिन, इस समय इस तरह की सांप्रदायिक बात लिखने की क्या जरूरत थी?
जस्टिस सूर्यकांत ने आगे कहा, देश उस वक़्त मुश्किल में था। हमारे नागरिकों पर हमला हुआ था। ऐसे वक्त पर इस तरह का बयान क्यों देना है? क्या इसके माध्यम से लोकप्रियता पाने की कोशिश क गई? इस तरह की बात के लिए क्या यह सही वक्त था?
Published: undefined
हरियाणा सरकार के वकील एएसजी एस वी राजू ने कहा कि इनको राहत के लिए हाईकोर्ट जाना चाहिए था। लेकिन, ये सीधे सुप्रीम कोर्ट चले आए। कपिल सिब्बल ने कहा कि, प्रोफेसर अली खान की पत्नी प्रेग्नेंट है और उन्हें जेल भेज दिया गया है।
Published: undefined
अंतरिम जमानत देने के साथ ही सु्प्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने मामले की जांच के लिए 3 आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी बनाई है। प्रोफेसर अली खान को सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट से जुड़ा दूसरा कोई पोस्ट नहीं लिखने का आदेश दिया गया है। साथ ही उन्हें अपना पासपोर्ट सोनीपत की अदालत में सरेंडर करने का आदेश भी दिया गया है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined