समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि बीजेपी की किसान विरोधी नीतियों के चलते अन्नदाता का हर कदम पर शोषण हो रहा है। इन दिनों आलू किसानों पर इनका कहर बनकर टूटा है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने शनिवार को अपने जारी एक बयान में कहा कि बदहाल आलू किसान होली पर भी अपनी फसल कोल्ड स्टोर में रखने के लिए कतार में जूझते रहे, मुख्यमंत्री जी इस सबसे बेसुध हैं। आलू किसान को फसल के कम दाम मिल रहे हैं जबकि लागत बढ़ रही है। किसान मायूसी और परेशानी में जी रहा है।
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कहा कि हमारी पार्टी यह मांग करती रही है कि किसानों को उनकी हर फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिलना चाहिए। बीजेपी सरकार किसानों के हितों की संरक्षक बनने के बजाय पूंजीघरानो को संरक्षण देती है। धान, गेहूं के क्रय केन्द्रों में अव्यवस्था रहती है, बहुराष्ट्रीय कंपनियां किसानों की फसल औने पौने दाम पर खरीद लेती है। किसान मजबूरी में बेचे नहीं तो क्या करें?
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सपा नेता ने कहा कि बीजेपी ने आलू किसानों से खरीद एमएसपी पर करने के बजाय राहत के तौर पर 650 रुपए प्रति क्विंटल आलू की खरीद के दाम तय किए हैं। ट्रैक्टर ट्राली के भाडे से लेकर खाद, दवा, सिचाई, टोकनमनी और स्टोर चार्जेज के अलावा किसान के श्रम को भी जोड़ दिया जाए तो आलू कम से कम 1500 रुपए प्रति कुंतल की दर से खरीदा जाना चाहिए।
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इन दिनों बाराबंकी में 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल से आलू की बंपर उपज हुई है। किसान को न तो वाजिब दाम मिल रहे हैं और नहीं आलू भंडारण का सही इंतजाम है। किसान की रात कोल्ड स्टोरेज के बाहर बीत रही है। टोकन के बाद भी तय समय पर आलू उतरवाया नहीं जाता है। किसान कहां फरियाद करे, अधिकारी गूंगे-बहरे हो गए हैं।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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