मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के ऐशबाग इलाके में रेलवे लाइन के ऊपर निर्मित ओवर ब्रिज अपनी अनोखी डिजाइन और निर्माण प्रक्रिया को लेकर सुर्खियों में है। इस ब्रिज के 90 डिग्री के मोड़ ने न केवल इंजीनियरिंग विशेषज्ञों बल्कि आम जनता और राजनीतिक दलों का ध्यान भी खींचा है।
विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे "घोटालों का सेतु" करार देते हुए इसके निर्माण में भ्रष्टाचार और लापरवाही का आरोप लगाया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने तो इस ओवरब्रिज को घोटालों का सेतु कहा है।
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उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "भोपाल में बना भ्रष्टाचार के समीकरण और समकोण का अद्वितीय स्मारक। भोपाल में ऐशबाग स्टेडियम के पास बना 90 डिग्री वाला ओवरब्रिज केवल पुल नहीं बल्कि घोटालों का सेतु है।"
उन्होंने आगे लिखा, "सिविल इंजीनियरिंग डिग्री-धारी मंत्री विश्वास सारंग जी की 'विशेष देख-रेख' में बने इस 'नायाब नमूने' को आज पूरा देश वास्तुकला और इंजीनियरिंग का चमत्कार मान रहा है। सोशल मीडिया पर पूरा देश भाजपा सरकार के विकास मॉडल को निहार रहा है। मैं तकनीकी शिक्षा विभाग को सुझाव देता हूं कि इस ब्रिज को अपने पाठ्यक्रम में, एक केस स्टडी के रूप में शामिल करें ताकि इंजीनियर्स की आने वाली पीढ़ी भी जान सके कि जब घोटालों की बीम पर भ्रष्टाचार और कमीशन के कॉलम तान दिए जाते हैं तो ऐशबाग स्टेडियम ओवरब्रिज जैसे अजूबे जन्म लेते हैं।"
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दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके में रेलवे लाइन के ऊपर से एक ओवरब्रिज बनाया गया है, जो लगभग 8 साल में बनकर तैयार हुआ है और इस पर लागत 18 करोड़ की आई है। इस पुल में मोड़ 90 डिग्री के कोण पर है। इसी के चलते यह ओवरब्रिज चर्चाओं में आ गया है।
कांग्रेस पार्टी की ओर से लगातार इस ब्रिज के निर्माण की डिजाइन पर सवाल उठाए जा रहे हैं, वहीं राहगीरों ने भी इस ब्रिज पर हादसे होने की आशंका जताई है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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