दिल्ली सरकार की शराब नीति पर विपक्ष सवाल उठाता रहा है। राजधानी में नई शराब नीति के लागू होने के बाद से ही केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। इसी बीच दिल्ली के उपराज्यपाल ने नई शराब नीति में भ्रष्टाचार की जांच करने की सिरफारिश की है। उनके इस कदम का प्रदेश कांग्रेस ने स्वागत किया है। प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा, कांग्रेस पहले दिन से ही शराब नीति का विरोध कर रहे हैं, जिसके लिए कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने सरकार की शराब नीति में हुए भ्रष्टाचार की जांच कराने के लिए दिल्ली पुलिस आयुक्त को लिखित शिकायत भी की।
Published: 22 Jul 2022, 6:51 PM IST
कांग्रेस के मुताबिक, दिल्ली सरकार द्वारा नई आबकारी नीति 2021-22 की शर्तो का उल्लंघन करके ओएसिस ग्रुप की चुनिंदा कम्पनियों को अवैध रुप से शराब लाईसेंस वितरण करने में हजारों करोड़ रुपये का घोटाला किया गया। शराब नीति पर दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट को आधार बनाकर ही उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार की शराब नीति के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
Published: 22 Jul 2022, 6:51 PM IST
अनिल चौधरी ने कहा, रिपोर्ट में शराब के ठेकों के लाईसेंस धारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का काम किया गया है और नियमों और आवंटन प्रक्रिया का उलंघन करके ठेके आवंटित किए गए हैं। 32 जोन में विभाजित राजधानी में 849 ठेके खोलने की बोली निजी संस्थाओं और रिटेल लाईसेंस दिए गए और दिल्ली सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर शराब माफिया के साथ मिलकर काम किया। यही नही ब्लैक लिस्टेड कम्पनियों तक को टैंडर दिए गए।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: 22 Jul 2022, 6:51 PM IST
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Published: 22 Jul 2022, 6:51 PM IST