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आर्थिक सेहत बताने वाली रिपोर्ट पर पर्दा डालने की तैयारी! कांग्रेस का कटाक्ष- छिपम-छिपाई का खेल खेल रही मोदी सरकार

जीडीपी विकास दर में भारी गिरावट, बेरोजगारी, महंगाई समेत कई मोर्चों पर यह सरकार पूरी तरह से विफल साबित हुई है। वहीं अब उपभोक्ता खर्च में 40 साल में पहली बार गिरावट बताने वाली रिपोर्ट को छुपाने की खबर आ रही है। खबर है कि इस रिपोर्ट को रिलीज नहीं की जाएगी।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब बताई जा रही है। मोदी सरकार के कार्यकाल में कई ऐसे रिकॉर्ड बने जिसे किसी भी पार्टी की सरकार याद नहीं रखना चाहेगी। जीडीपी विकास दर में भारी गिरावट, बेरोजगारी, महंगाई समेत कई मोर्चों पर यह सरकार पूरी तरह से विफल साबित हुई है। वहीं अब उपभोक्ता खर्च में 40 साल में पहली बार गिरावट बताने वाली रिपोर्ट को छुपाने की खबर आ रही है। खबर है कि इस रिपोर्ट को रिलीज नहीं की जाएगी।

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दरअसल देश में बीते 4 दशकों में पहली बार उपभोक्ता खर्च में गिरावट देखने को मिली है। करीब एक महीने पहले राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की रिपोर्ट में यह बात कही गई थी। अब इस रिपोर्ट को रिलीज न करने का फैसला किया गया है। हालांकि तब राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के चेयरमैन बिमल कुमार रॉय ने इस रिपोर्ट को प्रकाशित करने की बात कही थी। माना जा रहा है कि लोगों तक इस रिपोर्ट की सच्चाई न पहुंचे इस लिए इसे दबाने का फैसला किया गया है।

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बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक रॉय ने रिपोर्ट जारी न किए जाने के सवाल पर कहा, ‘मैंने कोशिश की थी। सर्वे को रिलीज करने प्रस्ताव दिया था, लेकिन मुझे समर्थन ही नहीं मिला। मैंने चेयरमैन के तौर पर यह प्रस्ताव रखा था, लेकिन यह आगे नहीं बढ़ा। इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कह सकता।’

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एक सूत्र के हवाले से बिजनेस स्टैंडर्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मीटिंग में चीफ स्टैटिसियन प्रवीण श्रीवास्तव ने डेटा को रिलीज करने का विरोध किया। हालांकि एक सदस्य ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि डेटा को रिलीज किया जाना चाहिए। सदस्यों के बीच जारी किए गए मीटिंग के मिनट्स में सदस्यों की राय को शामिल नहीं किया गया है।

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वहीं इस मामले के जानकारों का कहना है कि उपभोक्ता खर्च में कमी का अर्थ यह है कि देश में गरीबी के अनुपात में दशकों बाद इजाफा हुआ है। राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के मीटिंग के मिनट्स में कहा गया है, ‘यह सिफारिश की जाती है कि इस सर्वे के नतीजों को मौजूदा स्वरूप में जारी न किया जाए और न ही इसे देश की समग्र-अर्थव्यवस्था के संकेतक के तौर पर देखा जाए।’

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कांग्रेस ने भी भारत के उपभोक्‍ता खर्च के आंकड़ों को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा है कि भारत का उपभोक्‍ता खर्च पिछले चार दशक में सबसे कम है और मोदी सरकार इसके आंकड़े से छिपम-छिपाई खेल रही है। इस तरह के आंकड़ो का मतलब यह है कि लोग कम खर्च कर रहे हैं, खाने की चीजों पर भी खर्च घटा है जो पोषण में कमी दिखाता है।

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कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्वीट कर मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “किसानों की आत्महत्या के आंकड़े छुपाओ। बेरोजगारी के आंकड़े छुपाओ। नोटबन्दी की सच्चाई छुपाओ। असली जीडीपी आंकड़े छुपाओ। दीवार के पीछे गरीबी छुपाओ। 40 साल में सबसे कम खपत के भी आंकड़े छुपाओ!”

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