तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने सोमवार को कहा कि परिसीमन का सवाल तमिलनाडु के अधिकारों और उसके हितों की रक्षा से जुड़ा है और इसलिए इस मामले का राजनीतिक मूल्यांकन नहीं किया जाना चाहिए।
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राज्य में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) के अध्यक्ष स्टालिन ने यहां एक समारोह को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार त्रि-भाषा नीति को दबाव के तहत लागू करने की योजना बना रही है और इसी तरह परिसीमन अभ्यास में वह तमिलनाडु के लिए सीटों की संख्या में कटौती करने का प्रयास कर रही है।
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इस पृष्ठभूमि में प्रस्तावित परिसीमन अभ्यास पर पांच मार्च को एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की जा रही है और 40 में से अधिकतर दलों ने अपनी भागीदारी की पुष्टि की है जबकि कुछ अन्य ने कहा है कि वे इसमें भाग नहीं लेंगे। मुख्यमंत्री ने ऐसे दलों से अपील की है कि वे इस मुद्दे को राजनीति के चश्मे से न देखें।
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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और पूर्व केंद्रीय मंत्री जी. के. वासन के नेतृत्व वाली तमिल मनीला कांग्रेस (मूपनार) (टीएमसी-मूपनार) प्रमुख दल हैं जिन्होंने कहा कि वे बैठक में भाग नहीं लेंगे।
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स्टालिन ने कहा, ‘‘मैं उनसे अपील करना चाहूंगा कि कृपया इस पर विचार करें। यह डीएमके और आपकी पार्टी के बीच का मुद्दा नहीं है।’’
उन्होंने अपील की कि यह मुद्दा तमिलनाडु और उसके हितों एवं अधिकारों के बारे में है। इसलिए जिन दलों ने घोषणा की है कि वे भाग नहीं लेंगे, उन्हें भी इसमें भाग लेना चाहिए।
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