प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि इस पैकेज में हर वर्ग का हिस्सा है, और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण विस्तार से बताएंगी कि किन-किन को इस पैकेज का फायदा कब और कैसे मिलेगा। पीएम मोदी के ऐलान के ठीक एक दिन बाद बुधवार को निर्मला सीतारमण ने ईपीएफ को लेकर जानकारी दी। वित्त मंत्री ने बताया कि कंपनी और कर्मचारी दोनों के हिस्से का योगदान तीन और महीने सरकार करेगी। इससे लिक्विडिटी में 2500 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी। इसका 3.67 लाख कंपनियों और 72.22 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इसका एलान किया था। वित मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के इस पैकेज के पहले चरण का ब्योरा बुधवार को पेश किया। उनके साथ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद रहे।
वित्त मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के कारण कंपनियों पर दबाव है। यह दबाव तब तक रहेगा जब तक वे पूरी तरह से दोबारा काम नहीं शुरू कर देती हैं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत ईपीएफ खातों में कंपनी और कर्मचारी के 12-12 फीसदी का कॉन्ट्रिब्यूशन सरकार कर रही थी।
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पहले यह मार्च, अप्रैल और मई की सैलरी के लिए था। इस सहायता को बढ़ाकर अब और तीन महीने के लिए किया गया है। यानी जून, जुलाई और अगस्त की सैलरी के मामले में भी सरकार ही दोनों के कॉन्ट्रिब्यूशन का भार उठाएगी।
वित्त मंंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज में एक सुविधा दी गई थी कि 12-12% ईपीएफ कर्मचारी और नौकरी देने वाले को भारत सरकार देगी। ये पहले तीन महीनों के लिए किया गया था जिसे बढ़ाकर अगले तीन महीने जून, जुलाई और अगस्त तक कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि 3,67,000 ऐसी संस्थाओं के 72,22,000 कर्मचारि कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा. इनको कुल मिलाकर 2500 करोड़ का लाभ होगा।
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