देश में कोयला और बिजली संकट पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अगर भारत सरकार ने बकाया धन दिया होता तो 25 क्या 50 रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीदकर लोगों को दे देते।
अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ झारखंड सीएम सोरेन सहित देश के अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली में मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन के बाद हेमंत सोरेन ने कहा, अगर भारत सरकार ने हमें वापस भुगतान किया होता, तो हम 50 रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीदारी करते और लोगों को इसकी आपूर्ति करते। हमने अपने बकाया के 1,30,000 करोड़ रुपये से अधिक की अदायगी के लिए भारत सरकार को लिखा था। यह बकाया कोयला, हमारे खनन क्षेत्रों के राजस्व संसाधनों आदि से संबंधित है।
दरअसल दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत देश के 13 राज्य बिजली संकट का सामना कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि भीषण गर्मी के चलते बिजली की मांग तेजी से बढ़ी है। इसके अलावा कोयले की कमी के चलते भी कई राज्यों में बिजली संकट पैदा हुआ है। इसके मद्देनजर रेलवे ने इससे निपटने के लिए और कोयले की आपूर्ति के लिए कई करीब 670 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया है, ताकि कोयला ले जा रही माल गाड़ियों के फेरों को बढ़ाया जा सके।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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