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करणी सेना की मोदी सरकार और सेंसर बोर्ड को चेतावनी, ‘पद्मावती’ रिलीज हुई तो होंगे विशाल विरोध-प्रदर्शन

फिल्म ‘पद्मावती’ को सशर्त रिलीज की इजाजत देने का करणी सेना ने विरोध किया है। करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने कहा कि अगर फिल्म रिलीज हुई तो विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।

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फोटो: IANS करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए

राजपूत करणी सेना ने फिल्म ‘पद्मावती’ को यू/ए प्रमाण-पत्र के साथ रिलीज की अनुमति देने की निंदा की है। करणी सेना ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और सेंसर बोर्ड प्रमुख प्रसून जोशी से फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने मीडिया से कहा, “मैं केंद्र सरकार से यह पूछना चाहता हूं कि इस फिल्म का समर्थन करके क्या लाभ मिलेगा? सभी हिंदू पार्टियां इस फिल्म पर शांत हैं।” गोगामेड़ी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “केंद्र सरकार इस फिल्म पर चुप्पी साधे हुए है। विदेशी कंपनी वायाकॉम 18 मोशन पिक्चर्स ने इस फिल्म का निर्माण नोटबंदी के दौरान किया था। जिस समय हमें 4,000 रुपये नहीं मिल पा रहे थे, उस समय संजय लीला भंसाली ने कैसे 160 से 180 करोड़ रुपये प्राप्त कर लिए।” सुखदेव सिंह गोगामेड़ी सरकार से सवाल पूछा, “भंसाली को ब्रिटेन से (डेविड) भी हेडली के जरिए एक प्रमाण-पत्र मिला है। हेडली वर्तमान में जेल में है। मैं जानना चाहता हूं कि भंसाली जेल में क्यों नहीं हैं? उनकी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए उनसे पूछताछ क्यों नहीं की जा रही है?”

सेंसर बोर्ड ने पिछले हफ्ते भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म ‘पद्मावती’ को प्रमाण-पत्र देने के अपने फैसले की घोषणा की थी। साथ ही निर्माताओं को फिल्म का शीर्षक बदलने सहित उसमें कई संशोधन करने के सुझाव दिए थे। सेंसर बोर्ड प्रमुख प्रसून जोशी की मौजूदगी में एक विशेष समिति की बैठक के बाद फैसला लिया गया था। समिति में उदयपुर से अरविंद सिंह, इतिहासकार चंद्रमणि सिंह और जयपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के.के. सिंह शामिल थे।

करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने कहा, “फिल्म 'पद्मावती' को देखने के बाद अरविंद सिंह और के.के. सिंह ने बताया कि इस फिल्म की रिलीज से विरोध प्रदर्शन भड़क उठेंगे। इसके बावजूद, प्रसून जोशी ने फिल्म को हरी झंडी दे दी।” उन्होंने कहा, “अगर सेंसर बोर्ड को खुद से फैसला लेना था, तो उन्होंने हमारे समुदाय के लोगों को फिल्म दिखाने के लिए क्यों आमंत्रित किया? हम जल्द ही इस फिल्म का विरोध करेंगे और स्मृति ईरानी और प्रसून जोशी के पुतले भी जलाएंगे।” वहीं इस पूरे मामले पर सेंसर बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी का कहना है कि विशेष समिति की भूमिका सिर्फ सलाह देने तक सीमित थी।

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