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जेएनयू में भगवा को जगह नहीं, लेफ्ट यूनिटी का क्लीन स्वीप

जेएनयू के छात्रों ने भगवा राजनीति करने वाले दलों को नकारते हुये लेफ्ट यूनिटी के उम्मीदवारों को छात्र संघ की चारों सीटों के लिए चुन लिया है

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया 

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनावों में लेफ्ट यूनिटी (आइसा, एसएफआई और डीएसएफ) ने क्लीन स्वीप करते हुए शानदार जीत दर्ज की है। लेफ्ट यूनिटी ने छात्र संघ की चारों सीटों पर जीत हासिल की है। चुनाव समिति ने शनिवार देर रात चुनाव नतीजों का ऐलान किया। मतगणना के दौरान लेफ्ट यूनिटी के उम्मीदवार लगातार बढ़त बनाए रहे, और उनके समर्थकों ने आखिरी नतीजों का ऐलान होने से पहले ही जश्न मनाना शुरु कर दिया था।

छात्रसंघ के अध्यक्ष पर आइसा की गीता कुमारी, उपाध्यक्ष पद पर आइसा की ही सिमोन जोया खान, महासचिव के लिए दोग्गीराला श्री कृष्णा और संयुक्त सचिव पद पर शुभांशु सिंह चुने गए हैं। इस बार के चुनावों में 58.69 प्रतिशत मतदान हुआ था, और कुल 7904 मतदाताओं में से 4639 मतदाताओं ने वोट डाले थे।

Published: 10 Sep 2017, 1:33 PM IST

इस चुनाव में एआईएसएफ की अध्यक्ष पद की उम्मीदवार अपराजिता काफी पीछे रहीं और एनएसयूआई की उम्मीदवार भी अच्छा नहीं कर पाईं। लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार फारुक आलम को ठीक-ठाक वोट मिले। आखिरी गिनती के बाद लेफ्ट यूनिटी की गीता कमारी ने एबीवीपी की निधि त्रिपाठी को 464 वोटों से शिकस्त दे दी। गीता को 1506 वोट मिले, जबकि 1042 वोट के साथ एबीवीपी की निधि दूसरे स्थान पर रही।

Published: 10 Sep 2017, 1:33 PM IST

लेफ्ट यूनिटी की सिमोन जोया खान ने 1876 वोटों के साथ उपाध्यक्ष का चुनाव जीता। विद्यार्थी परिषद के उम्मीदवार दुर्गेश कुमार 1028 वोटों के साथ दूसरे और बीएमपीएसए के सुबोध कुंवर 910 वोट हासिल कर तीसरे नंबर पर रहे।

Published: 10 Sep 2017, 1:33 PM IST

महासचिव के पद पर दुग्गीराला श्रीकृष्णा ने 2082 वोटों के साथ जीत हासिल की। जबकि एबीवीपी के उम्मीदवार निकुंज मकवाना 975 वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे। वहीं बीएमपीएसए के करम विद्यानाथ खुमन तीसरे नंबर पर रहे।

संयुक्त सचिव पद पर 1755 वोटों के साथ शुभांशु सिंह चुने गए। जबकि एबीवीपी के पंकज काशी को 930 वोट मिले, जबकि बीएमपीएसए के विनोद कुमार को 860 मत मिले और वह तीसरे नंबर पर रहे।

गीता कुमारी - अध्यक्ष

जेएनयूएसयू की अध्यक्ष चुनी गयीं गीता कुमारी हरियाणा के पानीपत की रहने वाली हैं और उन्होंने फ्रेंच में बीए और आधुनिक इतिहास में एमए की डिग्री ली है। अभी वह आधुनिक इतिहास में एमफिल के द्वितीयी साल में हैं। गीता के पिता सेना के ऑर्डिनेंस विभाग में जेसीओ हैं। गीता कुमारी का कहना है कि शुरु में उनके माता-पिता को राजनीति में जाने पर ऐतराज था, लेकिन अब वह उनकी जीत से बेहद खुश हैं।

Published: 10 Sep 2017, 1:33 PM IST

सिमोन जोया खान - उपाध्यक्ष

उपाध्यक्ष चुनी गयीं सिमोन जोया खान यूं तो उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की रहने वाली हैं, लेकिन उनकी परवरिश असम के नुमालीगढ़ में हुयी। वह जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के इंडो-पैसिफिक सेंटर में पीएचडी कर रही हैं। जोया वाम राजनीति पसंद करती हैं। उनका कहना है कि वे आज जो कुछ भी हैं अपनी मां निशात खान की वजह से हैं। उनकी मां ने उन्हें कभी भी किसी काम से नहीं रोका और हर कदम पर उन्हें प्रोत्साहित किया। उनकी मां असम में लड़कियों के एक छात्रावास की वार्डन हैं।

Published: 10 Sep 2017, 1:33 PM IST

दुग्गीराला श्रीकृष्णा - महासचिव

महासचिव पद पर निर्वाचित आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के दुग्गीराला श्रीकृष्णा के माता-पिता एक छोटे किसान हैं। वे भी पीएचडी कर रहे हैं। पैसे की तंगी के चलते उन्हें कई बार छोटी-मोटी नौकरी करनी पड़ी है। उन्होंने रेलवे से लेकर फिल्मी दुनिया तक में काफी काम किए हैं।

Published: 10 Sep 2017, 1:33 PM IST

शुभांशु सिंह - संयुक्त सचिव

संयुक्त सचिव पर निर्वाचित शुभांशु सिंह उत्तर प्रदेश के आगरा से हैं और उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी हैं। वह राजनीति अध्ययन केंद्र में पीएचडी कर रहे हैं।

Published: 10 Sep 2017, 1:33 PM IST

शुभांशु का कहना है कि उनके माता-पिता ने उनके राजनीति में जाने का कभी विरोध नहीं किया।

Published: 10 Sep 2017, 1:33 PM IST

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Published: 10 Sep 2017, 1:33 PM IST