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कन्हैया कुमार पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं के हमले के बाद लखनऊ लिटरेरी फेस्टिवल रद्द

लखनऊ लिटरेरी फेस्टिवल के पहले दिन जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर एबीवीपी और बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया। इसके बाद समारोह को प्रशासन ने रद्द कर दिया। 

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया हंगामा कर रहे लोगों को समझाने की कोशिश करते कन्हैया 

लखनऊ के शिरोज हैंगआउट में आयोजित लिटरेरी फेस्टिवल के पहले दिन 10 नवंबर को जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर हमले के बाद जिला प्रशासन ने इस आयोजन को रद्द कर दिया है। रद्द करने की वजह बताते हुए प्रशासन की ओर से कहा गया है कि आयोजकों ने किसी सम्मेलन या फेस्टिवल की नहीं, बल्कि सिर्फ पुस्तक मेले की इजाजत ली थी।

राजधानी के शीरोज हैंगआउट में आयोजित साहित्य महोत्सव का माहौल पहले दिन ही पूरी तरह से राजनीतिक हो गया। महोत्सव में अपनी किताब 'बिहार से तिहाड़' पर चर्चा में शामिल होने पहुंचे कन्हैया पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया। कन्हैया जैसे ही मंच पर पहुंचे, वहां मौजूद भगवा संगठन के लोग मंच पर चढ़ गए और कन्हैया के विरोध में नारे लगाते हुए हंगामा करने लगे। इस दौरान कुछ एबीवीपी और भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने कन्हैया पर हमला करने की भी कोशिश की। जिसे वहां मौजूद लोगों ने नाकाम कर दिया।

इसके बाद वहां मौजूद कन्हैया समर्थकों और एबीवीपी-भाजयुमो के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर हाथापाई भी हुई। लिटरेरी फेस्टिवल का माहौल खराब होते देख शिरोज कैफे चलाने वाली एसिड अटैक पीड़ित लड़कियों ने कन्हैया को संघियों के हमले से बचाने के लिए सुरक्षा घेरा बना लिया। यही नहीं, इस दौरान एसिड अटैक पीड़ितों ने हंगामा कर रहे भगवा संगठन के कार्यकर्ताओं से हाथ जोड़ कर निवेदन भी किया, लेकिन उन पर इसका कोई असर नहीं हुआ और उन्होंने हंगामा बंद नहीं किया।

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फोटोः सोशल मीडिया

मामला बढ़ता देख किसी ने पुलिस को घटना की जानकारी दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने हंगामा करने वालों को काबू में कर वहां से बाहर खदेड़ दिया। कन्हैया को भी पुलिस सुरक्षा में कार्यक्रम स्थल से बाहर ले जाया गया। इस पूरे हंगामे पर कन्हैया ने कहा कि विरोध करने का ये तरीका सही नहीं है। लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का हक है। उन्होंने कहा कि वह स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से हैं। और उन्हें गोली भी मार दी जाएगी तब भी वे संघर्ष से नहीं हटेंगे। कन्हैया ने कहा, “ये एक साहित्यिक आयोजन है, यहां विचारों का आदान-प्रदान होता है। एक ही मंच से अलग-अलग विचारधाराओं के लोग अपनी बात कहें, यही लोकतंत्र की खूबी है।”

लखनऊ के शिरोज हैंगआउट में 10-12 नवंबर तक 5वें लखनऊ लिटरेरी फेस्टिवल का आयोजन किया गया था। आयोजन के पहले दिन अभिनेत्री दिव्या दत्ता, जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने अलग-अलग सत्र में हिस्सा लिया। लखनऊ के गोमतीनगर में स्थित शिरोज हैंगआउट कैफे एसिड अटैक पीड़ित महिलाएं मिलकर चलाती हैं। इस कैफे में हर साल लिटरेरी फेस्टिवल का आयोजन होता है।

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