बरेली की आला हजरत दरगाह अब उदयपुर में हुई हिंसक घटना की निंदा करने वाले अन्य मुस्लिम संगठनों में शामिल हो गई है। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि मंगलवार की घटना ने पूरे समुदाय का सिर शर्म और ग्लानि से झुका दिया है।
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उन्होंने कहा कि पैगंबर ने उन लोगों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा, जिन्होंने उनकी आलोचना की और यहां तक कि उन्होंने तो अपने दुश्मनों के खिलाफ भी कुछ नहीं कहा।
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मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा, "उन्होंने हमेशा अपने अनुयायियों से कहा कि उनका विरोध करने वालों से बदला लेने के बारे में सोचें भी नहीं। किसी का सिर कलम करना निश्चित रूप से इस्लाम का प्रचार नहीं है। इस्लाम तलवार में विश्वास नहीं करता-यह प्रेम और सद्भाव में विश्वास करता है।"
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मौलवी ने कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि उदयपुर की घटना के आरोपी इस्लाम के प्रचार में विश्वास नहीं करते थे। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए और देश में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने और हिंसा का इस्तेमाल करने के लिए कानून के तहत उन्हें कड़ी सजा दी जानी चाहिए।"
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उन्होंने मुसलमानों से अपने व्यवहार से घटना की गंभीरता को कम करने के लिए सचेत प्रयास करने और संवेदनशील मुद्दों पर संबंधित अधिकारियों को तुरंत सूचित करने का भी आह्वान किया।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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