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अब नेटफ्लिक्स, अमेजन जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर नकेल चाहता है आरएसएस, हिंदुत्व विरोधी कंटेट से आपत्ति

आरएसएस चाहता है कि ये प्लेटफॉर्म ऐसे कार्यक्रमों का प्रसारण करें जिनमें भारत की संस्कृति दिखाई गई हो। आरएसएस के प्रतिनिधी इसके लिए पिछले 4 महिनों के दौरान दिल्ली और मुंबई में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के अधिकारियों के साथ करीब 6 अनौपचारिक बैठकें कर चुके हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेटफ्लिक्स और अमेजन जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर हिंदुत्व विरोधी और देश विरोधी सामग्री के प्रसारण पर रोक लगाना चाहता। इकॉनोमिक्स टाइम्स की खबर के अनुसार इसके लिए आरएसएस के प्रतिनिधि इन दिनों ऑनलाइन स्ट्रिमिंग प्लेटफॉर्म के अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं। आरएसएस चाहता है कि ये प्लेटफॉर्म ऐसे कार्यक्रमों का प्रसारण करें जिनमें भारत की संस्कृति दिखाई गई हो। खबर के अनुसार आरएसएस के प्रतिनिधी इसके लिए पिछले 4 महिनों के दौरान दिल्ली और मुंबई में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के अधिकारियों के साथ करीब 6 अनाधिकारिक बैठकें कर चुके हैं।

Published: 08 Oct 2019, 4:10 PM IST

खबर के अनुसार एक अधिकारी ने बताया कि आरएसएस कश्मीर पर भारतीय दृष्टिकोण की आलोचना करने वाली या हिंदू प्रतीकों और भारतीय सेना को अपमानित करने वाली सामग्री को प्रतिबंधित करना चाहता है। उन्होंने बताया कि सामग्री को लेकर बातचीत शुरू करने के लिए संघ अधिकांश प्रमुख ऑनलाइन क्यूरेटेड सामग्री प्रदाता कंपनियों के प्रतिनिधियों के संपर्क में था। अधिकारी ने बताया कि इस तरह की एक बैठक नेटफ्लिक्स के अधिकारी के साथ कुछ दिनों पहले नई दिल्ली में ‘लीला’ सीरीज के विरोध के बाद आयोजित की गई थी। हालांकि खबर में नेटफ्लिक्स के अधिकारियों ने इस मामले पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है।

Published: 08 Oct 2019, 4:10 PM IST

खबर के अनुसार आरएसएस के प्रतिनिधि ने इस बारे में कहा कि “हमने उन्हें ट्विटर के मामले को याद दिलाया जब अनुराग ठाकुर द्वारा दक्षणपंथी संगठनों से जुड़े हैंडल को ब्लॉक करने का मामला संसदीय समिति में उठाया गया था और उसके बाद ट्विटर के अधिकारियों को तलब किया गया था। हम केवल सामग्री का चयन या उसे पास करते समय उन्हें भारतीय मानस के प्रति सतर्क करना चाहते हैं। हमने उन्हें भारत के लिए सामग्री तैयार करते समय अधिक से अधिक भारतीयों को इसमें शामिल करने का भी सुझाव दिया है।”

आरएसएस के एक अंदरूनी सूत्र ने बताया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को भी इस मुद्दे के बारे में हाल ही में राजस्थान में हुई पदाधिकारियों की बैठक के दौरान बताया गया था। आरएसएस के सूत्र ने कहा कि भागवत मॉब लिंचिंग की घटनाओं को हिंदू राष्ट्रवादियों से जोड़कर इन शोज में दिखाए जाने को लेकर विशेष रूप से चिंतित हैं। यह केवल बुरी ताकतों को अल्पसंख्यक भावना का फायदा उठाने में मदद करता है।

Published: 08 Oct 2019, 4:10 PM IST

इस बीच सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने हाल ही में कहा है कि सरकार ने इस मुद्दे से निपटने के लिए हितधारकों से सुझाव मांगे हैं और फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण ने ऑनलाइन क्यूरेटेड सामग्री प्रदाताओं के लिए सामग्री के विनियमन और प्रमाणन पर विशेष रूप से चर्चा करने के लिए शुक्रवार को हितधारकों के साथ एक बैठक निर्धारित की है। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि यह वीडियो ऑन डिमांड (वीओडी) की स्वतंत्रता का उल्लंघन किए बिना इस मामले को हल करने के तरीके तलाश रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा कि शिकायतों को संबोधित करने के लिए एक हेल्पलाइन के साथ एक समर्पित निकाय पर विचार किया जा रहा है, ताकि हर मामले को अदालत में नहीं जाना पड़े।

Published: 08 Oct 2019, 4:10 PM IST

लेकिन इससे भी समस्या खड़ी हो सकती है। अधिकारी ने कहा कि कानूनी पचड़ों से बचने के लिए बड़ी कंपनियां ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर टीवी-शैली विनियमन के साथ एक टियर-2 प्रणाली के लिए तैयार हो सकती हैं, लेकिन आर्थिक कारणों की वजह से छोटे खिलाड़ी इसका विरोध कर सकते हैं। इस पर उद्योग में बड़े विभाजन हैं, “अधिकारी ने कहा। पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर का कहना है कि जब कई सालों के बाद कश्मीर की व्याख्या को ठीक किया जा रहा है, तो हम हैंडसेट के माध्यम से घरों में भ्रांतियों और आतंक के बचाव के प्रसार की अनुमति नहीं दे सकते। इस पर कार्रवाई करना सरकार का नैतिक कर्तव्य है।

Published: 08 Oct 2019, 4:10 PM IST

इतना ही नहीं, इकॉनोमिक्स टाइम्स का कहना है कि आरएसएस ने अनौपचारिक रूप से वीडियो ऑन डिमांड सेवा प्रदाताओं से "भारत के उज्जवल पक्ष" को पेश करने वाली सामग्री दिखाने को कहा है। आरएसएस की दो इकाइयां- भारतीय चित्र साधना और संस्कार भारती सक्रिय रूप से फिल्म निर्माताओं, पटकथा लेखकों और अधिकारियों से इसके लिए संपर्क कर रही हैं। भारतीय चित्र साधना का तीन साल पहले आरएसएस द्वारा गठन सिनेमा के 'भारतीय' दृष्टिकोण को बढ़ावा देने और फिल्म निर्माताओं को भारतीय संस्कृति और मूल्यों, भारतीय जीवन शैली में दान, पारिवारिक महत्व, सामाजिक सद्भाव, भारतीय लोककला, पर्यावरण, महिला, राष्ट्रीय सुरक्षा, और राष्ट्र-निर्माण पर लघु फिल्म बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किया गया था।

Published: 08 Oct 2019, 4:10 PM IST

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Published: 08 Oct 2019, 4:10 PM IST