
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मंगलवार को कहा कि आगामी जून को लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) को स्पष्ट जनादेश मिलने के साथ ही ‘‘2004 जैसा क्षण’’ देखने को मिलेगा और इस गठजोड़ के ‘शानदार प्रदर्शन’’ का एक कारण उत्तर प्रदेश में होने वाला ‘‘बहुत प्रभावशाली’’ बदलाव है।
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रमेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक ‘‘सांप्रदायिक पिच’ तैयार कर रहे थे लेकिन उनकी पार्टी ने इस पर खेलने से इनकार कर दिया और उनकी ‘‘गुगली और बाउंसर’’ को भी विफल कर दिया।
उन्होंने विश्वास जताया कि चार जून को नतीजे वाला दिन ‘‘2004 के क्षण’’ की याद दिलाएगा जब भारतीय जनता पार्टी अपने ‘इंडिया शाइनिंग’ (भारत उदय) अभियान के बावजूद सत्ता से बेदखल हो गई थी।
उनका कहना है, ‘‘यह 2004 का क्षण है, आप देखेंगे। लोग मुझसे पूछते रहते हैं कि प्रधानमंत्री कौन होगा। मुझे आपको याद दिलाना होगा कि 2004 के चुनाव के नतीजे 13 मई, 2004 को आए थे। 17 मई तक यह स्पष्ट हो गया था कि मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। इस बार यह और भी जल्दी हो सकता है। वैसे यह भारत में चुनाव कोई सौंदर्य प्रतियोगिता नहीं है या फिर कोई 'कौन बनेगा पीएम' नहीं है, यह इस बारे में है कि किस गठबंधन को जनादेश मिलेगा।’’
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रमेश ने कहा, ‘‘हम एक दल केंद्रित लोकतंत्र हैं। हम अमेरिकी प्रणाली की तरह नहीं हैं, यह व्यक्तियों के बीच एक सौंदर्य प्रतियोगिता नहीं है, यह पार्टियों के बीच का एक चुनाव है। यह 2004 का क्षण है। 1962 में वहीदा रहमान और विश्वजीत अभिनीत फिल्म ‘बीस साल बाद’ आई थी... 2004 में जो हुआ, ‘बीस साल बाद’, आप उसे दोहराते हुए देखेंगे।’’
रमेश ने यह विश्वास भी जताया कि उत्तर प्रदेश में ‘‘आश्चर्यजनक बदलाव’’ आएगा।
कांग्रेस महासचिव ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीट होने का उल्लेख करते हुए कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ को प्रयागराज, वाराणसी, प्रतापगढ़, लखनऊ, अमेठी, रायबरेली, अलीगढ़, मुरादाबाद और अमरोहा जैसी जगहों पर जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में युवा, महिलाएं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी यात्रा के समर्थन में सामने आए थे।
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कांग्रेस नेता का कहना था, ‘‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री से पूरी तरह मोहभंग हो गया है क्योंकि लोग उनसे तंग आ चुके हैं। वह (मोदी) थक चुके हैं और उनका असर फीका पड़ गया है। चार जून को जब नतीजे आएंगे तो हमारे शानदार प्रदर्शन में योगदान देने वाले बुनियादी कारकों में से एक उत्तर प्रदेश् में बेहद प्रभावशाली बदलाव के रूप में सामने आएगा।’’
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव भाजपा ने उत्तर प्रदेश 62 सीट जीती थीं, उसकी सहयोगी अपना दल (एस) को 2 सी मिली थीं, जबकि महागठबंधन (सपा, बसपा, रालोद) ने 15 सीटें जीती थीं और कांग्रेस को एक सीट मिली थी।
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रमेश ने आरोप लगाया कि मोदी पूरे चुनाव के दौरान ध्रुवीकरण में लगे रहे और "सांप्रदायिक पिच" तैयार कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने उस पर खेलने से इनकार कर दिया और अपने ‘पांच न्याय’ एजेंडे को आगे बढ़ाया।
उनका कहना था, ‘‘मैं क्रिकेट की भाषा का बहुत अधिक उपयोग नहीं करना चाहता। एक पिच है जिसे वह हर रोज तैयार करते हैं, हमारे पास अभी भी नौ दिन और हैं। चुनाव प्रचार 30 मई को समाप्त होगा। वह सांप्रदायिक पिच पर क्या नई चीजें लाएंगे, यह केवल वह ही जानते हैं, क्योंकि वह 3डी- ‘डिस्टॉर्शन (विकृत करने), डाइवर्जन (ध्यान भटकाने) और डिफामेशन (बदनाम करने) के महारथी हैं।’’
उन्होंने कहा, "वह (प्रधानमंत्री मोदी) गुगली फेंकने की कोशिश कर रहे हैं, वह बाउंसर फेंकने की कोशिश कर रहे हैं, वह 'बॉडीलाइन' कर रहे हैं, लेकिन हमने उनकी गुगली, बाउंसर से सफलतापूर्वक पार पा लिया है...हमने उन पर कुछ गुगली और बाउंसर फेंकी हैं, जिससे उसने बचने की कोशिश की, लेकिन वह बच नहीं पाए।’’
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रमेश के मुताबिक, ‘‘ यह चुनाव 'जनता बनाम मोदी' है, सिर्फ ‘इंडिया’ का 'जनबंधन' बनाम मोदी नहीं है। यह चुनाव किसान बनाम मोदी है, महिला बनाम मोदी है, मजदूर बनाम मोदी है, युवा बनाम मोदी है। यह सोशल इंजीनियरिंग है, एससी, एसटी, ओबीसी मोदी के खिलाफ हैं।’’
उनका कहना था, ‘‘यह एक ऐसा चुनाव है जब लोग बहुत चुपचाप उठ रहे हैं और इस थके हुए और फीके पड़ चुके प्रधानमंत्री को संदेश भेज रहे हैं कि आप निवर्तमान प्रधानमंत्री हैं और चार जून को आप सत्ता से बाहर जा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, 428 सीट पर चुनाव हुए हैं, लेकिन दो चरणों के बाद ही यह स्पष्ट हो गया कि ‘इंडिया’ गठबंधन को निर्णायक जनादेश मिलेगा और भाजपा दक्षिण में 'साफ' और उत्तर, पश्चिम और पूर्व में ‘हाफ’ होगी।
रमेश ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री परेशान हैं...वह 400 पार और मोदी की गारंटी के बारे में बात करते थे, लेकिन इसके बारे में भूल गए हैं। वह निवर्तमान प्रधानमंत्री हैं और ‘इंडिया’ गठबंधन को चार जून को स्पष्ट और निर्णायक जनादेश मिलेगा।’’
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