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CAA-NRC के खिलाफ बेंगलुरु-चेन्नई में प्रदर्शन, हजारों की तादाद में सड़क पर उतरे लोग, देखें तस्वीरें और वीडियो

चेन्नई और बेंगलुरु में एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हो रहा है। हजारों की संख्या में लोग इस कानून का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरे हुए हैं। 

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

बेंगलुरु में एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। हजारों की तादाद में लोग सड़क पर उतरे हैं। ताजा तस्वीरों और वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि सड़कों पर इस कानून के खिलाफ जनसैलाब उमड़ पड़ा है। प्रदर्शनकारी शांतिपूर्वक नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

Published: 23 Dec 2019, 2:59 PM IST

दूसरी ओर चेन्नई में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ डीएमके और उसके सहयोगियों ने रैली निकाली और इस कानून को वापस लेने की मांग की। डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन, कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, एमडीएमके चीफ वाइको और वाम दलों की प्रदेश इकाई के नेताओं ने एगमोर से राजरथिनम स्टेडियम तक की दो किमी की मार्च की। मार्च के दौरान स्टालिन, चिदंबरम और अन्य दिग्गज नेताओं ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं।

Published: 23 Dec 2019, 2:59 PM IST

इस दौरान डीएमके और सहयोगी दलों के कार्यकर्ताओं नागरिकता कानून के खिलाफ नारे लगा रहे थे। पुलिस ने बताया है कि रैली को देखते हुए व्यापक सुरक्षा इंतज़ाम किए गए हैं, ड्रोन से निगरानी और 5,000 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा ड्यूटी में तैनात किया गया।

Published: 23 Dec 2019, 2:59 PM IST

इस रैली से पहले पुलिस ने रैली के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया था। वहीं मद्रास हाई कोर्ट ने रैली के खिलाफ जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान रविवार देर रात रैली को रोकने से इनकार कर दिया। तमिलनाडु सरकार के वकील ने कोर्ट को सूचित किया कि पुलिस ने रैली की अनुमति नहीं दी है क्योंकि आयोजकों ने संपत्ति को कोई नुकसान होने या किसी प्रकार की हिंसा होने की स्थिति में जिम्मेदारी लेने को लेकर कोई प्रतिबद्धता नहीं दिखाई।

Published: 23 Dec 2019, 2:59 PM IST

इस पर जस्टिस एस वैद्यनाथन और जस्टिस पीटी आशा की पीठ ने रैली रोकने से इनकार कर दिया और कहा कि लोकतांत्रिक देश में शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोका नहीं जा सकता क्योंकि यह लोकतांत्रिक ताने-बाने का आधार है। बता दें कि याचिकाकर्ताओं आर वराकी और आर कृष्णमूर्ति ने रैली आयोजित करने से डीएमके को रोकने का अनुरोध करते हुए दावा किया था कि इस प्रकार के ‘अवैध’ प्रदर्शनों से लोगों का जीवन प्रभावित होगा।

Published: 23 Dec 2019, 2:59 PM IST

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने रैली पर रोक से इनकार करते हुए कहा कि इस पूरी रैली को ड्रोन का उपयोग करके दर्ज किया जाना चाहिए और साथ ही कानून-व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। बता दें कि 18 दिसंबर को स्टालिन की अध्यक्षता में सभी पार्टी की बैठक में यह कहा गया था कि नागरिकता कानून को रद्द कर दिया जाना चाहिए। साथ ही यह निर्णय लिया गया था कि 23 दिसंबर यानी आज इस कानून के खिलाफ रैली निकालेंगे।

Published: 23 Dec 2019, 2:59 PM IST

बता दें कि बीते दिनों नागरिकता कानून के विरोध में देश भर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। सबसे ज्यादा असर यूपी और दिल्ली में देखने को मिला। उत्तर प्रदेश में तो कई दिनों तक हिंसक प्रदर्शन हुए। हिंसा में करीब 18 लोगों की मौत हो गई है। करीब 15 जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था। वहीं दिल्ली में कई इलाकों में हिंसक प्रदर्शन हुए।

Published: 23 Dec 2019, 2:59 PM IST

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Published: 23 Dec 2019, 2:59 PM IST