एक दिल दहला देने वाली घटना में मध्य प्रदेश के मुरैना में बालू का अवैध खनन रोकने पर रेत माफियाओं ने वन विभाग के एक डिप्टी रेंजर की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर दी है। मुरैना के पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने बताया कि शुक्रवार सुबह वन विभाग के 50 वर्षीय डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह कुशवाहा राष्ट्रीय राजमार्ग-3 पर स्थित वन विभाग की चेक पोस्ट पर अपने साथियों के साथ ड्यूटी पर थे। चंबल घड़ियाल अभ्यारण्य क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन रोकने के लिए यहां पर चेक पोस्ट बनाया गया है। पुलिस अधिक्षक ने बताया कि सुबह करीब 8 बजे चंबल नदी से अवैध खनन कर रेत से लदे ट्रैक्टर-ट्रॉली को आते देख डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह कुशवाहा ने सड़क पर कांटा पट्टी डालकर रोकने की कोशिश की। इस दौरान एक ट्रॉली तो आगे निकल गई, लेकिन इसी बीच पीछे से आ रही दूसरी ट्रॉली ने उन्हें कुचल दिया।
Published: 07 Sep 2018, 9:07 PM IST
मुरैना एसपी ने बताया कि घटना के बाद कुशवाहा को उनके साथी तत्काल जिला अस्पताल लेकर गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद रेत माफिया अवैध रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को मौके से लेकर भागने में कामयाब रहे। एसपी ने कहा कि आसपास के इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से आरोपियों की पहचान की कोशिश की जा रही है। हालांकि, अभी तक घटना में शामिल किसी भी ट्रैक्टर-ट्रॉली चालक और मालिक का पता नहीं चल सका है। इस मामले में सिविल लाइन थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस के साथ वन विभाग की टीमें भी आरोपियों की तलाश कर रही हैं।
Published: 07 Sep 2018, 9:07 PM IST
बता दें कि पिछले कुछ सालों के दौरान खनन और रेत माफियाओं के हाथों यहां करीब आधा दर्जन लोगों की जान जा चुकी है। मरने वालों में आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार भी शामिल हैं, जिनकी 8 मार्च 2012 में अवैध पत्थरों से भरी ट्रेक्टर ट्राली रोकने के दौरान गंभीर रूप से घायल होने से मौत हो गई थी। इसके अलावा पिछले दिनों नूराबाद थाने पर तैनात धर्मेंद्र सिंह और हाल ही में पुरानी छावनी इलाके में रेत भरी एक ट्रेक्टर ट्राली नेअलकेश चौहान नामक पुलिस कर्मी को रोकने पर रौंद दिया था, जिससे दौनों की मौत हो गई थी। इसके अलावा रेत खनन माफियाओं की गोलीबारी में भी लोगों की मौत की खबरें अक्सर आती रहती हैं।
गौरतलब है कि राज्य का चंबल संभाग इन दिनों अवैध रेत और खनन माफियाओं का गढ़ बन गया है। आरोप है कि यहां के नेताओं और प्रदेश के मंत्रियों तक का इन माफियाओं को संरक्षण मिला हुआ है। जिसकी वजह से पुलिस-प्रशासन इन माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करने से डरता है। यही कारण है कि प्रदेश में रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि आए दिन वह अपने काम में बाधा बनने वाले अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को अपना शिकार बनाने में नहीं हिचकते हैं।
Published: 07 Sep 2018, 9:07 PM IST
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Published: 07 Sep 2018, 9:07 PM IST