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'छात्रों की समस्याओं और परीक्षाओं के मुद्दे से लापरवाही से निपट रहा केंद्र, GST का मुआवजा नहीं देना राज्यों के साथ छल'

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार छात्रों की अन्य समस्याओं और परीक्षाओं जैसी समस्याओं के साथ लापरवाही से निपटा जा रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसी घोषणाएँ हैं, जो वास्तव में चिंतित करने वाली बात है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। इस बैठक में जीएसटी बकाया और नीट-जेईई एग्जाम पर चर्चा हुई। बैठक में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश सिंह बघेल, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, पुडुचेरी के सीएम नारायणस्वामी, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिस्सा लिया।

Published: 26 Aug 2020, 5:10 PM IST

बैठक की शुरुआत करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार छात्रों की अन्य समस्याओं और परीक्षाओं जैसी समस्याओं के साथ लापरवाही से निपटा जा रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसी घोषणाएँ हैं, जो वास्तव में चिंतित करने वाली बात है। यह नीति प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष और वैज्ञानिक मूल्यों के लिए एक रुकावट है।

उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि दशकों में बनी सार्वजनिक क्षेत्र की संपत्ति को बेचा जा रहा है। कुछ राज्य सरकारों ने अपना विरोध व्यक्त किया है। छ: हवाई अड्डों का निजीकरण किया गया है। रेलवे, जो देश की जीवनरेखा होती थी, उसका भी निजीकरण किया जा रहा है।

Published: 26 Aug 2020, 5:10 PM IST

सोनिया गांधी ने कहा कि, 'EIA मसौदा 2020 की अधिसूचना, जो कि गंभीर लोकतंत्र विरोधी है, के खिलाफ भी विरोध है। पर्यावरण, आजीविका और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए बने कानूनों को कमजोर किया जा रहा है। कोयला खदानों की नीलामी पर भी कुछ मुख्यमंत्रियों ने आपत्ति जताई है।' उन्होंने कहा कि, 'हमारे पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पहले ही इस बात पर प्रकाश डाल चुके हैं कि यह कैसे MSP को नष्ट करेगा तथा PDS पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।'

Published: 26 Aug 2020, 5:10 PM IST

उन्होंने कहा कि, 'केंद्र सरकार द्वारा एकतरफा उपकरों से मुनाफाखोरी जारी है, जो राज्यों के साथ साझा करने योग्य नहीं हैं। इसके अलावा, कृषि विपणन पर राज्यों के परामर्श के बिना अध्यादेश जारी किए गए हैं।' कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राज्यों को मुआवजा देने से इनकार करना मोदी सरकार की ओर से विश्वासघात है। राज्य सरकारों और भारत की जनता के साथ विश्वासघात है।

राज्य सरकारों को जीएसटी का हिस्सा नहीं मिलने के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि, 'जीएसटी को सहकारी संघवाद के उदाहरण के रूप में लागू किया गया था। यह अस्तित्व में आया, क्योंकि राज्यों ने बड़े राष्ट्रीय हित में कराधान की अपनी संवैधानिक शक्तियों को त्यागने पर सहमति व्यक्त की और 5 वर्षों के लिए अनिवार्य जीएसटी मुआवजे का वादा किया।'

Published: 26 Aug 2020, 5:10 PM IST

उन्होंने कहा कि जीएसटी मुआवजा एक बड़ा मुद्दा लग रहा है। संसद द्वारा पारित कानूनों के अनुसार समय पर राज्यों को मुआवजा दिया जाना महत्वपूर्ण है और ऐसा नहीं हो रहा है। बकाया जमा हो गए हैं और राज्य का वित्त बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

Published: 26 Aug 2020, 5:10 PM IST

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Published: 26 Aug 2020, 5:10 PM IST