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राम नाम जपना, पराया काम अपनाः पीएम मोदी ने हिमाचल के जिस कॉलेज का किया शिलान्यास, वहां तीन साल से हो रही पढ़ाई

पुरानी योजनाओं को अपने नाम से चला देना बीजेपी सरकार की फितरत रही है। इसका ताजा उदाहरण हाल में तब देखने को मिला जब पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश के एक कॉलेज में उस विकास कार्य का शिलान्यास किया, जिसका शुभारंभ तीन साल पहले ही हो चुका है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश के चंबा के भरमौर में आदर्श महाविद्यालय की बनने वाली उस इमारत का दोबारा शिलान्यास कर दिया जिसका शिलान्यास तकरीबन तीन साल पहले राज्य की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कर चुके हैं। खास बात ये है कि इस वक्त उस काॅलेज में कक्षाएं भी लग रही हैं।

हद तो तब हो गई जब हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में इस मुद्दे के उठने पर सरकार की तरफ से अजीब तर्क देते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पहले की सरकार ने ऐसे अनेक पत्थर लगवाए थे, जिनपर काई जम गई थी। ऐसे में विपक्ष को इस पर बोलने का हक नहीं है।

दरअसल चंबा जिले का भरमौर कस्बा हिमाचल प्रदेश के प्राचीन स्थलों में से एक है। यह करीब सात हजार फुट की ऊंचाई पर है और लगभग चार सौ साल तक भरमौर चंबा रियासत की राजधानी रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कश्मीर दौरे के दौरान 3 फरवरी को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कनवेंशन सेंटर से ऑनलाइन भरमौर कस्बे के लिल्ह में हिमाचल के कथित पहले आदर्श काॅलेज भवन की नींव रखी। कॉलेज का यह भवन चंबा के भरमौर में लिल्ह कोठी में बनना है। पीएम ने इस दिन ऑनलाइन करीब 150 शिलान्यास और उद्घाटन किए थे।

लेकिन प्रधानमंत्री ने 3 फरवीर को हिमाचल प्रदेश के जिस कॉलेज की इमारत का शिलान्यास किया, उसका शिलान्यास करीब तीन साल पहले 1 अगस्त, 2016 को हिमाचल के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कर चुके हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि प्रधानमंत्री के हाथों हुए शिलान्यास के पत्थर में राजकीय नूतन आदर्श महाविद्यालय हिंदी में लिखा हुआ है और वीरभद्र सिंह की शिलान्यास पट्टिका में न्यू मॉडल डिग्री काॅलेज भवन, लिल्ह लिखा हुआ है।

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सबसे खास बात ये है कि इस कॉलेज में इस समय ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेस तक की कक्षाएं भी चल रही हैं। वीरभद्र सिंह ने इसके लिए तकरीबन 6 करोड़ के बजट का भी ऐलान किया था। उस वक्त कॉलेज में वे सभी आधुनिक सुविधाएं देने का ऐलान किया गया था जो एक माॅडर्न काॅलेज में होनी चाहिए। उस शिलान्यास कार्यक्रम में तत्कालीन उपायुक्त हरिकेश मीणा, पुलिस अधीक्षक डा. मोनिका, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हेमराज बैरवा, कॉलेज के प्रिंसिपल, स्टाफ और विद्यार्थी भी मौजूद थे।

श्रेय लेने के इस खेल का खुलासा होने पर हिमाचल विधानसभा में भी खूब हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने बजट सत्र के पहले ही दिन 6 फरवरी को प्रदेश सरकार पर प्रधानमंत्री से गलत और अनैतिक काम करवाने का आरोप लगाया। लेकिन जैसा कि बीजेपी की आदत है, साफ जवाब देने की जगह सीएम जयराम ठाकुर बेमतलब के तंज कसने लगे। उन्होंने कहा कि शिलान्यास के पत्थर पर काई लग गई होगी इसलिए दोबारा शिलान्यास कराया गया।

वहीं, साल 2016 में हुए कॉलेज के शिलान्यास समारोह में मौजूद रहे तत्कालीन वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी का कहना है कि जयराम सरकार कांग्रेस के समय हो चुके कार्यों का दोबारा शिलान्यास कर अपनी पट्टिका लगा रही है जो सरासर गलत है। कांगड़ा से विधायक पवन काजल का भी कहना है कि वैसे भी 5-6 करोड़ की लागत से बनने वाली एक इमारत का दोबारा शिलान्यास प्रधानमंत्री से करवा देने को तो सीधे-सीधे प्रधानमंत्री के पद की ही तौहीन कहा जा सकता है।

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