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सरकार लद्दाख के साथ कर रही गलत बर्ताव, इससे लोगों में असुरक्षा और अलगाव की भावना बढ़ेगी, सज्जाद कारगिल का आरोप

लद्दाख को राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर केंद्र शासित प्रदेश में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

फोटो: वीडियो ग्रैब
फोटो: वीडियो ग्रैब 

कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के नेता सज्जाद कारगिल ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी और लद्दाख को लेकर सरकार की नीति पर सवाल उठाए हैं। सज्जाद कारगिल ने सोमवार को कहा कि सरकार जिस तरीके से इस मामले को नियंत्रित कर रही है उससे लद्दाख के लोगों में असुरक्षा और अलगाव की भावना और बढ़ेगी।

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सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी गलत 

सज्जाद कारगिली ने राजधानी दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "आपने देखा होगा कि लद्दाख को लोगों ने लेह में माइनस तापमान में लेह में प्रदर्शन किया, जम्मू में प्रदर्शन किया यहां तक कि दिल्ली में भी आकर प्रदर्शन किया। कई बार बातचीत भी हुई।" उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण रहा है। सोनम वांगचुक पहले इस प्रदर्शन में शामिल नहीं थे, अभी शामिल हुए। हम चाह रहे थे कि वह भी बातचीत में हमारे साथ जाएं।

उन्होंने कहा, "सरकार ने जिस तरह से लद्दाख के आंदोलन को मोड़ने की कोशिश की और सोनम और दूसरे 40 लोगों को जेल में बंद किया हुआ है। एक ऐसे समय में जब देश कई तरह के चुनौतियों से जुझ रहा है, ऐसे में लद्दाख जैसे नाजुक क्षेत्र के लोगों के साथ इस तरह का बर्ताव से उनमें असुरक्षा और अलगाव की भावना और बढ़ेगी।"

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सरकार को सलाह

सज्जाद ने कहा कि सरकार कि लद्दाख के लोगों के साथ थोड़ी बुद्धिमानी के साथ व्यवहार करे। जिस तरीके से वहां 4 लोगों की जान गई और कई जख्मी हैं उसकी जिम्मेदारी किसकी होनी चाहिए। कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहा है इसलिए हम प्रजातंत्र की मांग कर रहे हैं।

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हिंसक प्रदर्शन में 4 लोगों की मौत

लद्दाख को राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर केंद्र शासित प्रदेश में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

हिंसक प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई थी और 90 अन्य घायल हो गए थे।

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प्रदर्शनकारियों की मांग

‘लेह एपेक्स बॉडी’ (एलएबी) और ‘कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस’ (केडीए) की ओर से मुखर रूप से बोलने वाले वांगचुक, (लद्दाख को) राज्य का दर्जा तथा लेह और कारगिल के निवासियों के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों के वास्ते पांच साल से चल रहे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।

लेह और कारगिल, 2019 में पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य को विभाजित कर बनाये गए लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश का हिस्सा हैं। केंद्र ने हालिया हिंसा के लिए वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है, हालांकि जलवायु कार्यकर्ता ने सभी आरोपों से इनकार किया है।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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