प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉकडाउन 2 के ऐलान के साथ ही प्रवासी मजदूर घबराने लगे। जिसके बाद मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को हजारों प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। धीरे-धीरे हजारों की संख्या में लोग जुट गए। इन मजदूरों के जहन में लॉकडाउन 2 के ऐलान के साथ ही कई तरह की बेचैनी पैदा हो गई थी, जिसका नतीजा ये रहा कि सभी बांद्रा स्टेशन पहुंच गए। हालांकि सरकार और अधिकारियों की ओर से समझाने के बाद ये सभी मजदूर शांति से वापस लौट गए।
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जमा हुए मजदूरों का कहना है था कि उन्हें थोड़ी बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। दूसरे राज्य में हैं तो थोड़ी घबराहट भी हो जाती है। मजदूर लगातार मांग कर रहे थे कि हमे घर वापस भेजने का इंतजाम किया जाए। पुलिस की ओर से यह घोषणा भी की गई कि कोई ट्रेन नहीं चलने वाली है। लेकिन बावजूद इसके जब लोग यहां से नहीं हटे, लेकिन सरकार और अधिकारियों से बात करने के बाद मजदूर माने और वापस लौट गए। स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने मौके पर जाकर उनसे बात की और उन्हें समझाने की कोशिश की। इस दौरान भीड़ का एक हिस्सा हिंसक हो गया इसलिए उन्हें नियंत्रित करने के लिए हल्के बल का इस्तेमाल करना पड़ा
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वहीं इस पूरे मामले पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि गुजरात के सूरत में भी इस तरह की तस्वीर लोगों ने देखी। मजदूरों को उनके घर वापस भेजने का इंतजाम नहीं किया गया। कई लोगों ने रुकने और खाना खाने से इनकार कर दिया। पूरे महाराष्ट्र में कुल 6 लाख लोग शेल्टर होम में हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच आपसी समन्वय से इन मजदूरों को उनके घर वापस भेजा जा सकता है।
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आपको बता दें, बांद्रा में जो भीड़ इकट्ठा हुई थी, वह अब खत्म हो गई है। वहीं इस घटना पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि प्रदेश के मजदूरों को भीड़ लगाने की जरूरत नहीं है। प्रदेश की सरकार ने इन लोगों के खाने-पीने और रहने का इंतजाम किया है। हमने लोगों को समझा दिया है, लोग अब वापस लौट गए हैं और स्थिति अब काबू में है।
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