देश

CAA-NRC के मुद्दे पर जेडीयू में बगावत, कई विधायकों ने दी पार्टी छोड़ने की धमकी, प्रशांत और पवन पहले से नाराज

CAA के बाद नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप (NRC) के मुद्दे पर जनता दल यूनाइटेड में बगावत के सुर उठ रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नागरिकता कानून को लेकर पहले ही मुश्किलों में हैं। पार्टी के दो बड़े नेता प्रशांत किशोर और पवन वर्मा नागरिकता कानून को समर्थन देने के खिलाफ हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

CAA के बाद नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप (NRC) के मुद्दे पर जनता दल यूनाइटेड में बगावत के सुर उठ रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नागरिकता कानून को लेकर पहले ही मुश्किलों में हैं। पार्टी के दो बड़े नेता प्रशांत किशोर और पवन वर्मा नागरिकता कानून के खिलाफ हैं। वहीं एनआरसी को लेकर जनता दल यूनाइटेड के रुख से पार्टी के और कई नेता नाराज बताए जा रहे हैं। इस मुद्दे पर सीएम पर दबाव बढ़ रहा है।

Published: 18 Dec 2019, 2:10 PM IST

खबर है कि एनआरसी को लेकर जेडीयू के दो विधायक बागी हो गए हैं। दोनों विधायकों ने एनआरसी लागू होने पर पार्टी छोड़ने की धमकी दी है। ये विधायक हैं नौशाद आलम और मुजाहिद आलम। दोनों का कहना है कि अगर बिहार में एनआरसी लागू होता है तो वह पार्टी और विधानसभा दोनों से इस्तीफा दे देंगे।

Published: 18 Dec 2019, 2:10 PM IST

हालांकि जेडीयू ने बिहार में एनआरसी लागू नहीं होने देने का ऐलान किया है। पार्टी के कई नेता सीएए के खिलाफ थे, लेकिन नीतीश कुमार ने इसका समर्थन करने का फैसला किया, जिससे पार्टी के कई नेता नाराज हो गए। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर जेडीयू में मतभेद खुलकर सामने आए हैं। इन मतभेदों के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दुविधा और पसोपेश की स्थिति में हैं।

Published: 18 Dec 2019, 2:10 PM IST

बिहार के सीएम ये समझ नहीं पा रहे हैं कि किसका साथ दिया जाए। कहा जा रहा है कि इसलिए इन दोनों ही मुद्दों पर नीतीश कुमार ने खुलकर कुछ भी नहीं कहा है। वहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि एनआरसी पूरे देश में लागू होकर रहेगा।

Published: 18 Dec 2019, 2:10 PM IST

गौरतलब है कि पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने नागरिकता कानून के विरोध में ट्वीट कर कहा था कि, ‘संसद में बहुमत से नागरिकता संशोधन कानून पारित हो गया। न्यायपालिका के अलावा अब 16 गैर बीजेपी मुख्यमंत्रियों पर भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेदारी है, क्योंकि ये ऐसे राज्य हैं, जहां इसे लागू करना है।‘

Published: 18 Dec 2019, 2:10 PM IST

उन्होंने आगे लिखा, ‘3 मुख्यमंत्रियों (पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल) ने सीएए और एनआरसी को नकार दिया है और अब दूसरे राज्यों को अपना रुख स्पष्ट करने का समय आ गया है।’ इसके बाद जेडीयू महासचिव आरसीपी सिंह ने दो टूक कहा था कि अगर प्रशांत किशोर पार्टी छोड़कर जाना चाहें तो वह इसके लिए स्वतंत्र हैं। सिंह ने पीके पर तंज कसते हुए कहा कि वैसे भी उन्हें अनुकंपा के आधार पर पार्टी में शामिल किया गया था।

Published: 18 Dec 2019, 2:10 PM IST

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: 18 Dec 2019, 2:10 PM IST