पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में एक बार फिर शुक्रावार को प्रकृति का विकराल रूप देखने को मिला। राज्य के उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी और बालाकोट में बादल फटने की घटना हुई है। बादल फटने से इन क्षेत्रों में खेतों में लगी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। घटना की जानकारी होते ही राज्य प्रशासन ने राज्य आपदा प्रबंधन बल की टीमों को राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों के लिये रवाना कर दिया है। हालात को देखते हुए उत्तराखंड में मौजूद आईटीबीपी की यूनिट को अलर्ट पर रहने के लिये कहा गया है।
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इस बीच उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है। शाम में अचानक आए आंधी-तूफान से यमुनाघाटी क्षेत्र में बिजली चली गई है। इससे पहले राज्य में खराब मौसम को देखते हुए बद्रीनाथ मार्ग को रोक दिया गया था। 8 घंटे की रोक के बाद इस मार्ग को खोला गया। इसके अलावा बद्रीनाथ और हेमकुंड जाने वाले यात्रियों को जोशीमठ में रोक दिया गया है। अभी बद्रीनाथ और गोबिंदघाट में कुछ यात्री फंसे हुए हैं जैसे ही वे निकल जाएंगे तब जोशीमठ में रोके गए यात्रियों को आगे भेजा जाएगा।
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इस बीच उत्तराखंड में बादल फटने की घटना के बाद राजधानी दिल्ली में भी मौसम ने शाम में अचानक से करवट ले लिया। देर शाम दिल्ली-एनसीआर में धूल भरी तेज आंधी चलने लगी। जिससे सड़कों पर दिखना लगभग मुश्किल हो गया।
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गौरतलब है कि इससे पहले 2013 में उत्तराखंड ने बहुत बड़ी प्राकृतिक आपदा को झेला है। जून 2013 में भी बादल फटने की घटना के बाद आयी प्राकृतिक आपदा में हजारों लोगों की मौत हुई थी। लंबे समय तक केदारनाथ की यात्रा को रोक दिया गया था। उस प्राकृतिक आपदा से उबरने में राज्य के लोगों को लंबा समय लगा था, लेकिन उसकी यादें अभी भी लोगों के जहनों में ताजा हैं।
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