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दिल्ली: 'हमने ही मंदिर का निर्माण किया था', दुकान बंद करने को कहे जाने पर मछली विक्रेता

मछली विक्रेता दिवेंदु ने बताया कि कुछ लोग उसकी दुकान पर आए और उसे अपनी दुकान बंद करने के लिए कहा। दिवेंदु ने कहा, ‘‘हमने उन्हें बताया कि डीडीए ने हमारी दुकानें खोलने के लिए ज़मीन को मंजूरी दे दी है। इससे पहले किसी ने हमें दुकान बंद करने के लिए नहीं कहा।’’

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर 

दिल्ली में चित्तरंजन पार्क के मछली विक्रेताओं को पिछले सप्ताह उस समय हैरानी हुई जब मांस विरोधी अभियान चलाने वाल हिंदू दक्षिणपंथियों ने यह कहते हुए स्थानीय बाजारों में उनकी दुकानें बंद करने की चेतावनी दे दी कि वे मंदिर के नजदीक हैं।

कुछ दुकानदारों ने तो यह दावा भी किया कि उन्होंने ही सबसे पहले मंदिर का निर्माण कराया था।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें भगवा ब्रिगेड का एक सदस्य दुकानदारों के समक्ष मंदिर पास होने का हवाला देते हुए उनसे दुकानों को बंद करने को कह रहा है। इस वीडियो ने कम से कम एक सांसद का ध्यान आकर्षित किया है।

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तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने ‘एक्स’ पर कई बयान पोस्ट किए हैं और भाजपा कार्यकर्ताओं पर बंगाली मछली विक्रेताओं को धमकाने का आरोप लगाया है।

मोइत्रा ने एक वीडियो साझा करते हुए लिखा है, ‘‘ "कृपया देखें कि भगवा ब्रिगेड के बीजेपी गुंडे दिल्ली के चित्तरंजन पार्क में मछली खाने वाले बंगालियों को कैसे धमका रहे हैं। निवासियों का कहना है कि 60 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ।’’

तृणमूल सांसद ने भी दावा किया कि संबंधित मंदिर बाजार के लोगों द्वारा बनाया गया था।

एक अन्य पोस्ट में, उन्होंने कथित तौर पर एक स्थानीय व्यक्ति का व्हाट्सएप संदेश साझा किया है। इस संदेश में इस स्थानीय व्यक्ति ने मांस और मछली की दुकानों को ‘जबरन बंद’ कराये जाने की स्थिति को ‘भयानक’ बताया।

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मछली विक्रेता दिवेंदु ने बताया कि कुछ लोग उसकी दुकान पर आए और उसे अपनी दुकान बंद करने के लिए कहा। दिवेंदु ने कहा, ‘‘हमने उन्हें बताया कि डीडीए ने हमारी दुकानें खोलने के लिए ज़मीन को मंजूरी दे दी है। इससे पहले किसी ने हमें दुकान बंद करने के लिए नहीं कहा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम बंगाली सनातनवादी हैं। हम हर दिन अपनी दुकानें खोलने से पहले प्रार्थना भी करते हैं - यह हमारी परंपरा है।’’

अन्य दुकानदार मिथुन दास ने कहा कि वह 25 वर्षों से इस क्षेत्र में मछली बेच रहे हैं और उस दिन जो हुआ वह अभूतपूर्व था।

दास ने कहा, ‘‘लगभग चार या पांच दिन पहले, कुछ लोग आए और उन्होंने हमें कहा कि हमें अपनी दुकानें बंद करनी होंगी क्योंकि हम मंदिर के पास मछली नहीं बेच सकते।’’

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सीआर पार्क में बंगाली समुदाय की शीर्ष संस्था ईपीडीपी के उपाध्यक्ष अशोक बोस ने कहा कि इस संस्था को सोशल मीडिया के माध्यम से इस मुद्दे के बारे में पता चला।

उन्होंने कहा कि मछली बाजार एसोसिएशन ने ईपीडीपी को शिकायत सौंपी है और इसके सचिव अशोक भट्टाचार्य आज पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे।

बोस ने कहा, ‘‘मंदिर बनने के पहले से ही यहां मछली बाजार था। वास्तव में, दुकानदारों ने मंदिर बनाने के लिए पैसे इकट्ठा किए थे।’’

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बाजार के निकट स्थित काली मंदिर के पुजारी संजीव भट्टाचार्य ने कहा कि बंगाली परंपराओं में मछली का विशेष महत्व है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम दुर्गा पूजा के दौरान देवी को मछली चढ़ाते हैं और शादियों में भी इसे परोसते हैं। हर संस्कृति की अपनी प्रथाएं होती हैं और किसी को भी इसका विरोध नहीं करना चाहिए।’’

एक अधिकृत सूत्र ने बताया कि पुलिस में अभी तक कोई शिकायत नहीं की गई है।

उसने कहा, ‘‘एमसीडी रिकॉर्ड के अनुसार यह मार्केट लाइसेंस प्राप्त है। वीडियो पुराना प्रतीत होता है, लेकिन हम घटना की तारीख की पुष्टि कर रहे हैं। अभी तक पुलिस में कोई शिकायत नहीं मिली है।’’

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