कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमान खरीद समझौते को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि एक व्यवसायी को लाभ पहुंचाने के लिए पूरे सौदे में बदलाव के लिए मीडिया प्रधानमंत्री से सवाल क्यों नहीं करता। “आप मुझसे सवाल पूछते हैं मैं ठीक से जवाब देता हूं। आप पीएम से राफेल डील के बारे में क्यों नहीं पूछते? सिर्फ एक बिजनसमैन के लिए उन्होंने पूरी डील बदल दी।”
Published: 16 Nov 2017, 3:33 PM IST
इससे पहले राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में ऐसे लोगों को राफेल डील का पार्टनर बनाने पर सवाल उठाए थे जिनको इस क्षेत्र का अनुभव भी नहीं है।
Published: 16 Nov 2017, 3:33 PM IST
कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी डसाल्ट एविएशन के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को लेकर जो समझौता किया है, उसमें अधिक पैसों का भुगतान किया गया है। पार्टी का कहना है कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी से 58,000 करोड़ में 36 राफेल विमान खरीदने का समझौता किया है। 2012 में यूपीए सरकार ने फ्रांस से 126 विमान खरीदने के लिए जितने में समझौता किया था, उससे तीन गुना ज्यादा पैसा देकर मोदी सरकार विमान खरीद रही है।
23 सितंबर, 2016 को फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां ईव द्रियां और भारत के तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने नई दिल्ली में राफेल सौदे पर हस्ताक्षर किए थे।
Published: 16 Nov 2017, 3:33 PM IST
कांग्रेस के आरोप यहीं खत्म नहीं हुए। उसने आगे कहा कि सरकार ने औद्योगिक समूह रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया। पार्टी ने कहा कि फ्रांस की कंपनी का सहयोग करने के लिए रिलायंस डिफेंस को गलत तरीके से चुना गया है।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था, "पीएम मोदी ने राफेल डील में अपने बिजनेसमैन दोस्त के लिए देश की सुरक्षा से समझौता किया। इस डील से सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचेगा।"
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यह भी कहा था, "राफेल डील से घोटाले की बू आ रही है। इस डील में ट्रांस्पैरेंसी नहीं थी। सिक्युरिटी नॉर्म्स की परवाह किए बगैर राफेल डील को अप्रूवल दिया गया। ”
दूसरी तरफ अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस डिफेंस लिमिटेड ने कांग्रेस को चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि वह अपने आरोप वापस ले। यदि वह ऐसा नहीं करती तो उस पर मुकदमा किया जाएगा।
कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों पर फ्रांस के राजनयिक सूत्रों ने सफाई देते हुए कहा था कि राफेल समझौते में भारत का फायदा है और इस लड़ाकू विमान को इसके बेहतरीन प्रदर्शन और उचित कीमत के चलते चुना गया है।
Published: 16 Nov 2017, 3:33 PM IST
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Published: 16 Nov 2017, 3:33 PM IST