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पाकिस्तान जाएगा काली सूची में या बच जाएगी जान, FATF होगी मेहरबान? फैसला आज

पेरिस में हो रहे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठकों में यह आकलन किया जाएगा कि इस्लामाबाद ने वैश्विक निगरानी के तहत आतंकी वित्तपोषण और धन शोधन (मनी लॉन्डरिंग) को रोकने के लिए कदम उठाया है या नहीं, ऐसे में पाकिस्तान की किस्मत अधर में लटकी हुई है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

पेरिस में हो रहे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठकों में यह आकलन किया जाएगा कि इस्लामाबाद ने वैश्विक निगरानी के तहत आतंकी वित्तपोषण और धन शोधन (मनी लॉन्डरिंग) को रोकने के लिए कदम उठाया है या नहीं, ऐसे में पाकिस्तान की किस्मत अधर में लटकी हुई है। अगर एफएटीफ पाती है कि पाकिस्तान को अक्टूबर तक जो कदम उठाने के लिए कहा गया है, उसमें उसने ढिलाई बरती है तो वह देश को 'ब्लैक लिस्ट' में डाल सकती है, जिसका मतलब यह होगा कि उसे आईएमएफ और विश्व बैंक जैसे अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से कर्ज और सहायता नहीं मिल सकेगी।

Published: 14 Oct 2019, 9:53 AM IST

देश पहले से ही 'ग्रे लिस्ट' (वॉच लिस्ट) में है और एफएटीएफ ने धन शोधन और आतंक के वित्तपोषण के खिलाफ कार्रवाई पूरी करने के लिए उसे अक्टूबर तक का समय दिया है।

Published: 14 Oct 2019, 9:53 AM IST

आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर की अगुवाई में एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल सोमवार से शुरू होने वाले फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के दो दिवसीय सत्र में भाग लेने के लिए पेरिस पहुंच गया है। जियो न्यूज के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि एफएटीएफ की बैठक में अप्रैल 2019 तक पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों पर एक रिपोर्ट पर चर्चा होगी और इस पर निर्णय लिया जाएगा कि इस्लामाबाद को अंतर-सरकारी संगठन की ग्रे लिस्ट से बाहर रखा जाए या नहीं।

Published: 14 Oct 2019, 9:53 AM IST

वैश्विक निकाय में वर्तमान में 37 देश और दो क्षेत्रीय संगठन शामिल हैं, जो दुनिया भर के अधिकांश प्रमुख वित्तीय केंद्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसकी रविवार से 18 अक्टूबर तक पेरिस में प्लेनरी और वर्किं ग ग्रुप की बैठकें होंगी। वर्तमान में, चीन एफएटीएफ का अध्यक्ष है, जो नई तकनीकों के धन शोधन और आतंकवादी वित्तपोषण के जोखिमों को कम करने के लिए काम कर रहा है।

Published: 14 Oct 2019, 9:53 AM IST

एफएटीएफ की मुख्य बैठक के लिए जोर देते हुए 23 अगस्त को विश्व निकाय के एशिया-पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) ने पाकिस्तान से नाखुशी व्यक्त करते हुए कहा था कि यह आतंक के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ कार्रवाई को लेकर आवश्यक 40 में से 32 मापदंडों में विफल रहा है।

Published: 14 Oct 2019, 9:53 AM IST

पाकिस्तान हालांकि, चीन, मलेशिया और तुर्की की मदद से 'ब्लैक लिस्ट' में आने से बच सकता है, लेकिन आतंकवाद से लड़ने के मामले में उसका रिकॉर्ड इसे 'ग्रे लिस्ट' से हटाने में मददगार साबित नहीं होगा।

Published: 14 Oct 2019, 9:53 AM IST

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Published: 14 Oct 2019, 9:53 AM IST