दुनिया

बातचीत से नहीं बदलेगा चीन का आक्रामक रुख, आक्रमकता विस्तारवाद का हिस्सा- US के NSA

अमेरिका के एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने चीन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि चीन से बातचीत करने का कोई फायदा नहीं है, क्योंकि एलएसी पर चीन जो कर रहा है वह उसकी विस्तारवादी आक्रमकता का हिस्सा है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

अमेरिका के एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने चीन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि चीन से बातचीत करने का कोई फायदा नहीं है, क्योंकि एलएसी पर चीन जो कर रहा है वह उसकी विस्तारवादी आक्रमकता का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि बातचीत और समझौते से चीन अपना आक्रम रुख नहीं बदलने वाला है।

अमेरिका के एनएसए रॉबर्ट ओ ब्रायन ने कहा, ‘‘सीसीपी (चीन की कम्युनिस्ट पार्टी) का भारत के साथ लगती सीमा पर विस्तारवादी आक्रमकता स्पष्ट है जहां पर चीन ताकत के बल पर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रहा है।"

Published: undefined

रॉबर्ट ओ ब्रायन ने कहा, ‘‘ बीजिंग के खास अंतरराष्ट्रीय विकास कार्यक्रम ‘वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) में शामिल कंपनियां गैर पारदर्शी और अस्थिर चीनी ऋण का भुगतान चीनी कंपनियों को कर रही हैं जो चीनी मजदूरों को आधारभूत संरचना के विकास कार्यक्रम में रोजगार दे रही हैं।’’

एनएसए ने कहा कि कई परियोजनाएं गैर जरूरी हैं और गलत ढंग से बनायी गई और वे ‘सफेद हाथी’ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अब ये देश चीनी ऋण पर आश्रित हो गए हैं और अपनी संप्रभुता को कमजोर किया है। उनके पास कोई विकल्प नहीं है कि वे संयुक्त राष्ट्र में मतदान या किसी मुद्दे पर पार्टी के रुख का साथ दे जिसे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अहम मानती है।’’

Published: undefined

अमेरिका के एनएसए ने कहा, ‘‘समय आ गया है कि यह स्वीकार किया जाए कि बातचीत या समझौते साम्यवादी चीन को बदलाव के लिए सहमत या मजबूर नहीं कर सकते हैं। नजर बचाने या विनम्र होने से कोई लाभ नहीं होगा। हम यह लंबे समय से कर रहे हैं।’’

बता दें कि लद्दाख के पूर्वी हिस्से में पिछले 5 महीनों से भारत और चीन के बीच तनाव बरकरार है। इस तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच कई स्तर पर बातचीत हो चुकै है। लेकिन अभी तक कोई सामाधान नहीं निकला है। आज भी स्थिति पहले की तरह बनी हुई

Published: undefined

बता दें कि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गत पांच महीनों से चीन और भारत के बीच गतिरोध बना हुआ है और इसकी वजह से दोनों देशों में तनाव बढ़ा है। दोनों पक्षों के बीच इस गतिरोध को सुलझाने के लिए उच्च स्तरीय राजनयिक और सैन्य वार्ताओं का दौर चल रहा है लेकिन अबतक इस समस्या का समाधान नहीं निकला है।

एजेंसियों के इनपुट के साथ

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined