दक्षिण कोरिया के मुख्य विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी (डीपी) ने बुधवार को राष्ट्रपति यून सुक योल से तत्काल पद छोड़ने की मांग की। इससे पहले नेशनल असेंबली ने सर्वसम्मति से उनके मार्शल लॉ की घोषणा को खारिज कर दिया। जिससे मार्शल लॉ को छह घंटे बाद ही हटा लिया गया।
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योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल असेंबली में अपने सांसदों की एक आपातकालीन बैठक के दौरान डीपी ने घोषणा की कि वह यून के महाभियोग की प्रक्रिया तुरंत शुरू कर देगी, जब तक कि वह खुद पद नहीं छोड़ देते।
डीपी ने अपने प्रस्ताव में कहा, "यून द्वारा मार्शल लॉ की घोषणा संविधान का स्पष्ट उल्लंघन है।" साथ ही, इस बात पर जोर दिया कि यून मार्शल लॉ घोषित करने की किसी भी आवश्यकता का पालन करने में विफल रहे। इसमें कहा गया कि "यह विद्रोह का एक गंभीर कृत्य है और महाभियोग के लिए एक आदर्श कारण है।"
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यून ने मंगलवार देर रात एक टेलीविजन संबोधन में "आपातकालीन" मार्शल लॉ की घोषणा की, जिसमें देश के विपक्ष पर "राज्य-विरोधी" गतिविधियों के साथ सरकार को "पंगु" करने का आरोप लगाया गया।
दक्षिण कोरिया की संसद में कुल 300 सीटें हैं। 2024 में हुए चुनाव में जनता ने विपक्षी दल डीपी को भारी जनादेश दिया था। वहीं सत्ताधारी पीपल पावर को महज 108 सीटें मिली थी। इसके बाद से ही विपक्ष कथित तौर पर राष्ट्रपति के कार्यों में दखलअंदाजी कर रहा था जैसा राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में भी कहा था।
राष्ट्रपति योल को 2022 में जीत मिली थी हालांकि मामूली अंतर से ही वो जीते थे। उनकी लोकप्रियता लगातार गिर रही थी।
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