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चीन की धमकी के बीच ताइवान की राष्ट्रपति से मिलीं नैंसी पेलोसी, कहा- ताइवान के साथ अमेरिका की एकजुटता महत्वपूर्ण

अमेरिकी स्पीकर पेलोसी ने कहा कि अमेरिका ने हमेशा ताइवान के साथ खड़े रहने का वादा किया है। इस मजबूत नींव पर, हमारी आर्थिक समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध क्षेत्र और दुनिया में पारस्परिक सुरक्षा पर केंद्रित स्व-सरकार और आत्मनिर्णय पर आधारित एक संपन्न साझेदारी है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

चीन की धमकी के बीच ताइपे में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन से मुलाकात की। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने कहा, “मैं अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी का हार्दिक स्वागत करती हूं। उपराष्ट्रपति और मुझे स्पीकर द्वारा अमेरिका-ताइवान संबंधों को लेकर कॉल आते रहे हैं। हमारी इस मुलाकात के लिए मैं खुश हूं।”

Published: 03 Aug 2022, 8:55 AM IST

उन्होंने कहा, "अमेरिकी स्पीकर पेलोसी वास्तव में ताइवान के सबसे समर्पित मित्रों में से एक हैं। ताइवान के लिए अमेरिकी कांग्रेस के कट्टर समर्थन को प्रदर्शित करने के लिए ताइवान की यह यात्रा करने के लिए हम आपके आभारी हैं।"

Published: 03 Aug 2022, 8:55 AM IST

वहींं, अमेरिकी स्पीकर पेलोसी ने कहा, “अमेरिका ने हमेशा ताइवान के साथ खड़े रहने का वादा किया है। इस मजबूत नींव पर, हमारी आर्थिक समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध क्षेत्र और दुनिया में पारस्परिक सुरक्षा पर केंद्रित स्व-सरकार और आत्मनिर्णय पर आधारित एक संपन्न साझेदारी है।”

पेलोसी ने कहा, "ताइवान में लोकतंत्र फल-फूल रहा है। ताइवान ने दुनिया को साबित किया है कि चुनौतियों के बावजूद अगर आशा, साहस और दृढ़ संकल्प है तो आप समृद्ध भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। ताइवान के साथ अमेरिका की एकजुटता महत्वपूर्ण है। आज हम यही संदेश लेकर आए हैं।"

Published: 03 Aug 2022, 8:55 AM IST

अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी मंगलवार रात ताइपे पहुंची थीं। उनके स्वागत के लिए राष्ट्रपति साई इंग-वेन ताइपे एयरपोर्ट पर आई थीं। ताइवान की यात्रा करने वाली पिछले 25 वर्षों में सबसे उच्च स्तर की अमेरिकी अधिकारी हैं।

Published: 03 Aug 2022, 8:55 AM IST

चीन ने क्या चेतावनी दी है?

चीन ने मंगलवार को चेतावनी दी थी कि उसकी चेतावनियों के बावजूद हो रही अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा का द्विपीक्षय संबंधों पर ‘गंभीर असर' पड़ेगा। क्योंकि यह क्षेत्र की शांति और स्थिरता को ‘गंभीर रूप से कमजोर' करता है। उसकी सरकारी मीडिया ने कहा कि सेना उनकी यात्रा का मुकाबला करने के लिए ‘लक्षित' अभियान चलाएगी।

Published: 03 Aug 2022, 8:55 AM IST

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Published: 03 Aug 2022, 8:55 AM IST