चक्रवाती तूफान बुलबुल के तटीय क्षेत्रों से टकराने के बाद बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में कम से कम 22 लोग मारे गए और चक्रवात बुलबुल ने अपनी जागृत मूसलाधार बारिश से कई इलाकों को तबाह कर दिया।
Published: 11 Nov 2019, 4:02 PM IST
चक्रवाती तूफान बुलबुल द्वारा दक्षिणी बांग्लादेश में तबाही मचाने के दौरान पेड़ गिरने, घर क्षतिग्रस्त होने और बीमार होने से करीब 22 लोगों की मौत हो गई। यह जानकारी अधिकारियों ने सोमवार को दी। बीडी न्यूज 24 की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य निदेशालय के हेल्थ एमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर एंड कंट्रोल रूम, स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने रविवार को मारे गए लोगों की संख्या की पुष्टि की।
Published: 11 Nov 2019, 4:02 PM IST
तूफान से खुलना, बरगुना और गोपालगंज जिलों में प्रत्येक में दो की मौत और पटुआखली, भोला, शरीयतपुर, पीरोजपुर, मदारीपुर, बरिशाल और बागेरहाट में एक-एक मौतें हुई हैं।वहीं बरगुना और भोला में तूफान की चेतावनी के बाद समुद्र में गए 28 मछुआरे लापता हैं।
आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री एनामुर रहमान के अनुसार, तूफान की वजह से देश में दक्षिण-पश्चिमी तटीय जिलों में करीब 5000 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। “हालांकि उन्होंने भारी नुकसान होने की बात अस्वीकार कर दी।” उन्होंने कहा, “अधिकतर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में हम सफल रहे।”
Published: 11 Nov 2019, 4:02 PM IST
अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात के कारण जितनी तबाही होने की आशंका थी, उससे कम नुकसान हुआ है।
बांग्लादेश के मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को एक विशेष बुलेटिन में बताया कि चक्रवात कमजोर हो गया है और इसने भारत के पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के दक्षिण-पश्चिम खुलना तट से 'गुजरना शुरू कर' दिया है। आपदा मंत्रालय के सचिव कमाल ने बताया कि शुरुआत में 5000 आश्रय गृहों में 14 लाख लोगों को रखने की योजना थी लेकिन शनिवार आधी रात को यह संख्या बढ़कर 21 लाख हो गई।
Published: 11 Nov 2019, 4:02 PM IST
चक्रवात के कारण 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। यह चक्रवात ऐसे समय में आया है जब पूर्णिमा आने वाली है। पूर्णिमा में समुद्र का जलस्तर बढ़ जाता है। ऐसे में चक्रवात आने के कारण तबाही की आशंका पैदा हो गई। चक्रवात गंगासागर के किनारे टकराया और यह ‘खुलना’ क्षेत्र की ओर बढ़ा जिसमें सुंदरवन भी आता है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: 11 Nov 2019, 4:02 PM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 11 Nov 2019, 4:02 PM IST