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भारत के साथ व्यापार करना चाहता है तालिबान? ईरान से कर रहा निर्यात की सुविधा देने की गुजारिश

तालिबान ने अब अपनी अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के लिए प्रयास करने शुरू कर दिए हैं। अफगानिस्तान के लिए ताजे और सूखे मेवों (ड्राई फ्रूट्स) का निर्यात राजस्व अर्जित करने का एक प्रमुख जरिया माना जाता है।

फोटो: IANS
फोटो: IANS 

तालिबान ने अब अपनी अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के लिए प्रयास करने शुरू कर दिए हैं। अफगानिस्तान के लिए ताजे और सूखे मेवों (ड्राई फ्रूट्स) का निर्यात राजस्व अर्जित करने का एक प्रमुख जरिया माना जाता है। इसलिए तालिबान ने अब इनका निर्यात फिर से शुरू करने में मदद के लिए ईरान से संपर्क किया है।

ईरान स्थित तसनीम न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, तेहरान अफगानिस्तान के व्यापार कार्गो के परिवहन और चाबहार मार्ग के माध्यम से भारत को ताजे और सूखे मेवों के निर्यात के लिए तालिबान के प्रस्तावों का मूल्यांकन करने के लिए सहमत हो गया है।

Published: 13 Oct 2021, 5:51 PM IST

तालिबान ने पिछले सप्ताह विस्तृत योजना प्रस्तुत की थी, जब दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने एक व्यापक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। ईरान और तालिबान इस्लाम कला-डोगरून सीमा क्रॉसिंग पर चौबीसों घंटे ऑपरेशन बनाए रखने और सीमा पार भूमि मार्गों को बेहतर बनाने और विकसित करने के लिए व्यावहारिक उपाय करने पर सहमत हुए हैं। सैद्धांतिक रूप से ईरान अफगान व्यापारियों को डोगरून-चाबहार मार्ग के माध्यम से भारत को ताजे और सूखे मेवे निर्यात करने की अनुमति देने के लिए सहमत हो गया है, जिसे तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद बंद कर दिया गया था।

इस साल, निर्यातकों को अपने उत्पादों को शिप करने के लिए विशेष रूप से भूमि मार्गों पर निर्भर रहना पड़ रहा है, क्योंकि अभी तक कोई एयर कार्गो उड़ानें उपलब्ध नहीं हैं। अधिकांश अफगान व्यापारी 7200 किलोमीटर लंबे अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) के माध्यम से अफगानिस्तान के लिए इस मार्ग का उपयोग कर रहे हैं, जो पड़ोसी ईरान से होकर गुजरता है। इसके बाद कार्गो को चाबहार बंदरगाह, ईरान से मुंबई जैसे पश्चिमी बंदरगाहों में भेज दिया जाता है। लेकिन ईरान ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए जुलाई में उस रास्ते को बंद कर दिया था।

Published: 13 Oct 2021, 5:51 PM IST

तालिबान के सत्ता में आने के बाद, उन्होंने भारत में निर्यात और आयात पर प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन अब, भारी आर्थिक दबाव में, नई सरकार ने अपने रुख पर पुनर्विचार करने का फैसला किया है। भारत युद्धग्रस्त देश से अपने सूखे मेवों का लगभग 85 प्रतिशत आयात करता है।

अफगानिस्तान में इस साल सूखे मेवों की बंपर पैदावार हुई है। नतीजतन, अफगान निर्यातक अपने देश में मौजूदा स्थिति के बावजूद भारतीय खरीदारों के साथ लगातार संपर्क में हैं। आमतौर पर, सूखे मेवों का निर्यात सितंबर में दुर्गा पूजा और दिवाली के त्योहारों के मौसम की शुरुआत से ठीक पहले शुरू होता है।

Published: 13 Oct 2021, 5:51 PM IST

भारत में अफगानिस्तान से होने वाले निर्यात में सूखी किशमिश, अखरोट, बादाम, अंजीर, पाइन नट्स, पिस्ता और सूखी खुबानी के साथ ही ताजा फल भी शामिल हैं। ड्राई फ्रूट्स के अलावा भारत में ताजा खुबानी, चेरी, तरबूज और कुछ औषधीय जड़ी बूटियां भी निर्यात की जाती हैं।

इससे पहले, अफगानिस्तान के ताजे फलों के व्यापारी भारत और अफगानिस्तान एयर कार्गो कॉरिडोर का उपयोग कर रहे थे, जिसे देश में राजनीतिक अनिश्चितता के कारण रोक दिया गया है। अफगान व्यापारी पाकिस्तान के रास्ते वाघा सीमा के लिए देश के तोरखम और चमन सीमा मार्गों का भी उपयोग कर रहे थे, लेकिन जुलाई के बाद से, ये मार्ग विशेष रूप से खराब होने वाले ताजे फल कार्गो के लिए संभव नहीं रह गए हैं।

Published: 13 Oct 2021, 5:51 PM IST

इन सीमाओं का खुलना पाकिस्तानी अधिकारियों के मूड पर निर्भर करता है और ऐसे भी आरोप हैं कि ट्रकों को सीमा पार करने की अनुमति देने के लिए रिश्वत के पैसे भी जुटाए गए हैं। इस संबंध में बियास इब्राहिम का कहना है कि बंपर फलों की फसल के बावजूद, सैकड़ों टन ताजे फल पाकिस्तान के साथ सीमा पार वाले बिंदुओं पर हफ्तों तक फंसे रहे और अंत में सड़ गए हैं।

Published: 13 Oct 2021, 5:51 PM IST

चूंकि दोनों देशों के व्यापारी अफगानिस्तान में बैंकिंग प्रणाली के पतन से भी चिंतित हैं, जिससे भारतीय बाजार तक पहुंच बाधित हो सकती है। इसके अलावा अडानी समूह ने अपनी मुंद्रा पोर्ट (बंदरगाह) पर ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिए कंटेनरीकृत कार्गो के आयात और निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इंडियन फ्रूट ट्रेडर्स एसोसिएशन का कहना है कि वर्तमान में सूखे मेवों का अधिकांश अफगान माल न्हावा शेवा बंदरगाह (जेएनपीटी) में आता है, इसलिए इसका ज्यादा असर नहीं होगा और उम्मीद है कि भारत सरकार हस्तक्षेप करेगी।

(यह आलेख इंडियानैरेटिव डॉट कॉम के साथ एक व्यवस्था के तहत लिया गया है)

Published: 13 Oct 2021, 5:51 PM IST

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Published: 13 Oct 2021, 5:51 PM IST