इस्लामाबाद में जामिया हफ्सा मदरसा की छत पर अफगान तालिबान का प्रतिनिधित्व करने वाले झंडे फहराने के मामले में मौलाना अब्दुल अजीज, उनके सहयोगियों के साथ-साथ मदरसा के छात्रों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अधिनियम (एटीए) और पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। डॉन न्यूज की रिपोर्ट ने यह जानकारी दी है। डॉन से बात करते हुए, राजधानी प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने पुष्टि की कि मदरसा की छत पर अफगान तालिबान का प्रतिनिधित्व करने वाले झंडे फहराए जाने के बाद मामला दर्ज किया गया था।
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मदरसा के प्रशासक मौलाना अजीज ने भी खुले तौर पर अफगान तालिबान का नाम लेकर पुलिस को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। इसके अलावा, मदरसा के छात्रों और शिक्षकों ने पुलिस को चुनौती दी और टिप्पणी के साथ उन्हें ताना मारा। 21 अगस्त के बाद से यह तीसरी बार था, जब लाल मस्जिद से सटे मदरसा पर अफगान तालिबान के झंडे फहराए गए।
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इससे पहले जामिया की छत पर कम से कम पांच सफेद झंडे लगे मिले थे। सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन ने दंगा रोधी इकाई समेत पुलिस की एक टुकड़ी भेजी, जिसने मदरसे की घेराबंदी कर दी। पुलिस का मुकाबला करने के लिए कई मदरसे के छात्र छत पर चढ़ गए।
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इससे क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया, लेकिन दोनों पक्षों ने टकराव से खुद को रोक लिया। मौलाना अब्दुल अजीज समेत मदरसा से जुड़े कुछ लोगों ने भी हथियारों का प्रदर्शन किया। हालांकि, इमारत पर अफगान तालिबान के झंडे फहराने से स्थानीय निवासियों में दहशत और असुरक्षा फैल गई थी।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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