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फेसबुक पर अमेरिकी सरकार ने ठोका मुकदमा, लगा ये आरोप

फेसबुक के खिलाफ इस मुकदमे की घोषणा फेडरल ट्रेड कमीशन और न्यूयॉर्क अटॉर्नी जनरल लेटिटिया जेम्स ने की। जेम्स ने बुधवार को एक ब्रीफिंग में कहा कि यह वास्तव में महत्वपूर्ण है कि हम कंपनियों के इस तरह के अधिग्रहण को रोकें और बाजार में विश्वास बहाल करें।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

द्विदलीय समर्थन द्वारा सुर्खियों में आने वाली एक ऐतिहासिक कार्रवाई में अमेरिका की संघीय सरकार और 48 राज्यों ने फेसबुक पर लैंडमार्क एंटीट्रस्ट अधिनियम के तहत मुकदमा दायर किया है। इसमें फेसबुक पर बाजार की प्रतिस्पर्धा को खत्म करने के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया लगाया गया है।

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अमेरिका फेसबुक के स्वामित्व वाले इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के स्पिनऑफ के लिए जोर दे रहा है, यानि कि वह इन दो सब्सिडियरी कंपनियों का बिजनेस पैरेंट कंपनी से अलग करने के लिए कह रहा है। यह विवाद मार्क जकरबर्ग के फेसबुक शुरू करने के 16 साल बाद आया है। उस समय के बाद से अब तक फेसबुक 2.7 करोड़ उपयोगकर्ताओं के साथ दुनिया का सबसे बड़ा सोशल नेटवर्क बन गया है और इसकी मार्केट वैल्यू लगभग 800 बिलियन डॉलर की है, वहीं जकरबर्ग दुनिया के पांचवें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं।

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किसी बड़ी टेक कंपनी के खिलाफ अमेरिकी सरकार की अगुवाई में यह साल का दूसरा ऐसा बड़ा आरोप है। इससे पहले अमेरिकी न्याय विभाग ने अमेरिकी चुनावों से ठीक पहले अक्टूबर में गूगल पर मुकदमा दायर किया था। इसमें कंपनी पर पूरे ऑनलाइन सर्च और विज्ञापन बाजार पर कब्जा करने का आरोप लगाया था।

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फेसबुक के खिलाफ इस मुकदमे की घोषणा फेडरल ट्रेड कमीशन और न्यूयॉर्क अटॉर्नी जनरल लेटिटिया जेम्स ने की। जेम्स ने बुधवार को एक ब्रीफिंग में कहा, "यह वास्तव में महत्वपूर्ण है कि हम कंपनियों के इस तरह के अधिग्रहण को रोकें और बाजार में विश्वास बहाल करें।"

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वहीं, एफटीसी के ब्यूरो ऑफ कॉम्पिटिशन के निदेशक इयान कोनर ने कहा, "निजी सोशल नेटवर्किं ग लाखों अमेरिकियों के जीवन का अहम हिस्सा है। फेसबुक ने अपने व्यापारिक रवैये से अपने एकाधिकार को बनाए रखने और इसके लिए उपभोक्ताओं को प्रतिस्पर्धा के लाभों से वंचित रखा है। हमारा उद्देश्य फेसबुक के ऐसे आचरण को खत्म करके प्रतिस्पर्धा बहाल करना है ताकि नवाचार हो और नि: शुल्क प्रतिस्पर्धा बहाल हो सके।"

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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