चुनाव को 14 दिन बाकी हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2016 की अपनी हिट प्लेलिस्ट से शब्द चुन-चुनकर इस बार फिर से उपयोग कर रहे हैं। जैसे बाइडन के लिए ट्रंप ने वैसे ही 'लॉक हिम अप' कहा, जैसे पिछले चुनाव में हिलरी क्लिंटन के लिए 'लॉक हर अप' कहा था।
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हाल ही में ट्रंप ने कॉन्फ्रेंस कॉल पर अपने कैंपेन के सहयोगियों से कहा, "लोग फौची और इन सभी बेवकूफों को सुनकर थक गए हैं। हर बार जब वह टेलीविजन पर जाता है, तो उसके पास हमेशा एक बम होता है। लेकिन अगर आप उसे हटा दें तो उससे भी बड़ा धमाका होगा। फौची एक आपदा (डिजास्टर) की तरह है।" मामूली फेर-बदल के साथ ट्रंप 2020 में भी तकरीबन 2016 जैसी ही बातें कह रहे हैं।
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2016 में ट्रंप के हारने की भविष्यवाणी करने वाले स्कॉट एडम्स के लिए उन्होंने एनबीसी पर कहा था, "कोई भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेता है। उनके पास सिर्फ हंसाने वाला सामान है, जो कोई मायने नहीं रखता है।" डॉ. एंथोनी फौची को 'आपदा' और वैज्ञानिकों को 'बेवकूफों का समूह' कहने के बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया पर अपनी शिकायतों को लेकर भी लिखा।
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यहां तक कि ट्रंप के ईमेल भी आश्चर्यजनक तौर पर 2016 जैसे लग रहे हैं। उधर व्हाइट हाउस के अधिकांश अकाउंट्स को लेकर ट्रंप अभियान का मानना है कि 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोटों के लिए एक संकरा रास्ता है। केवल एक ही पोलस्टर - ट्राफलगर है जिसने ट्रंप को बाइडन से कम से कम तीन राज्यों में आगे रखा है।
ट्रम्प न केवल वैज्ञानिक और डॉक्टर बिरादरी को निशाना बना रहे हैं, बल्कि ऐसे समय पर बना रहे हैं, जब अमेरिका के 50 राज्यों में से 37 में और वाशिंगटन डी.सी. में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं। दुनिया में कोरोनावायरस मामलों और मौतों में अमेरिका पहले नंबर पर है।
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