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दुनिया की खबरें: पाक सीनेटर ने कहा- हम भूख से मर जाएंगे और ट्रंप ने एप्पल के सीईओ दी खुली चेतावनी

पाकिस्तान के सीनेटर सैयद अली जफर ने शुक्रवार को सीनेट सत्र के दौरान अपने भाषण में कहा, "अगर हम अभी जल संकट का समाधान नहीं करते हैं तो हम भूख से मर जाएंगे।

फोटो: IANS
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पाकिस्तान के एक अन्य राजनेता ने शुक्रवार को शहबाज शरीफ सरकार से देश पर मंडरा रहे 'पानी बम' को 'निष्क्रिय' करने की अपील की। ​​यह 'पानी बम' भारत द्वारा 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले के बाद सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को निलंबित करने के बाद देश पर मंडरा रहा है। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे।

पाकिस्तान के सीनेटर सैयद अली जफर ने शुक्रवार को सीनेट सत्र के दौरान अपने भाषण में कहा, "अगर हम अभी जल संकट का समाधान नहीं करते हैं तो हम भूख से मर जाएंगे। सिंधु बेसिन हमारी जीवन रेखा है क्योंकि हमारे पानी का तीन-चौथाई हिस्सा देश के बाहर से आता है, 10 में से नौ लोग अपने जीवन के लिए सिंधु जल बेसिन पर निर्भर हैं, हमारी 90 प्रतिशत फसलें इसी पानी पर निर्भर हैं और हमारी सभी बिजली परियोजनाएं और बांध इसी पर बने हैं। यह हमारे ऊपर लटके पानी के बम की तरह है और हमें इसे निष्क्रिय करना होगा।"

दरअसल, सिंधु जल संधि, जिस पर 1960 में हस्ताक्षर किए गए थे, भारत-पाकिस्तान के बीच छह नदियों, सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, व्यास और सतलुज, के पानी के बंटवारे को नियंत्रित करती है। पिछले कुछ हफ्तों से पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) और देश के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार के धमकी भरे और निराधार बयान के बाद, बौखलाया इस्लामाबाद, नई दिल्ली से संधि को स्थगित करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह कर रहा है।

हालांकि, अपने राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषाधिकार का हवाला देते हुए, भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक इस्लामाबाद सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को 'विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से' समाप्त नहीं कर देता, तब तक यह संधि स्थगित रहेगी।

पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद, रणनीतिक मामलों पर सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था, कैबिनेट सुरक्षा समिति (सीसीएस) ने इस कदम का समर्थन किया था, जो पहली बार नई दिल्ली द्वारा विश्व बैंक की मध्यस्थता वाले समझौते पर रोक लगाने का संकेत है।

जब भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार सरकार की इस अडिग स्थिति को रेखांकित किया कि 'पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते' और 'आतंक और बातचीत एक साथ नहीं हो सकती।'

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एप्पल के सीईओ को ट्रंप की खुली चेतावनी, 'अमेरिका में आईफोन नहीं बनाने पर लगेगा 25 प्रतिशत टैक्स'

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एप्पल के सीईओ टिम कुक को खुली चेतावनी दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर कहा कि अगर आईफोन का निर्माण अमेरिका के बाहर होता है, तो कम से कम 25 प्रतिशत टैरिफ का भुगतान करना पड़ेगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक पोस्ट में कहा, ''मैंने बहुत पहले ही एप्पल के टिम कुक को सूचित कर दिया था, मुझे उम्मीद है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में बेचे जाने वाले उनके आईफोन का विनिर्माण अमेरिका में ही किया जाएगा, न कि भारत में या किसी अन्य स्थान पर।''

ट्रंप ने आगे कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है, तो एप्पल को अमेरिका को कम से कम 25 प्रतिशत टैरिफ का भुगतान करना होगा।

इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने एप्पल के सीईओ टिम कुक से कहा है कि वे भारत में और अधिक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने की अपनी योजना को छोड़ दें और इसके बजाय अमेरिका में इन प्लांट के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करें।

कतर के दोहा में एक बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा, "एप्पल संयुक्त राज्य अमेरिका में अपना उत्पादन बढ़ाएगा।"

हाल के वर्षों में एप्पल की ग्लोबल सप्लाई चेन के लिए भारत एक प्रमुख केंद्र बन गया है।

वहीं, भारत के केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि एप्पल जैसी ग्लोबल टेक्नोलॉजी दिग्गज कंपनियों को बेहतर आर्थिक समझ है, क्योंकि वे अपनी इस समझदारी को भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने की योजना के साथ दिखा रही हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "एप्पल ने आने वाले वर्षों में अपने सभी मोबाइल फोन भारत में ही खरीदने और बनाने का फैसला किया है, क्योंकि जब आप भारत में निवेश करते हैं, तो आप वहन करने की क्षमता, विश्वसनीयता और मौलिकता चुन रहे होते हैं।"

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पाकिस्तान ने भारतीय उड़ानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद रखने की अवधि 24 जून तक बढ़ाई

पाकिस्तान ने शुक्रवार को भारतीय उड़ानों के देश के हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने पर प्रतिबंध को 24 जून तक बढ़ा दिया। पाकिस्तान हवाईअड्डा प्राधिकरण द्वारा जारी एक नये ‘नोटेम’ (नोटिस टू एयरमैन) में यह जानकारी दी गई है।

‘नोटेम’ एक नोटिस है, जिसमें उड़ानों के परिचालन से संबंधित कर्मियों के लिए आवश्यक जानकारी होती है।

यह विस्तार अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के नियमों के अनुसार किया गया है।

पाकिस्तान हवाईअड्डा प्राधिकरण (पीएए) ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘भारतीय विमानों के पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने पर प्रतिबंध 24 जून 2025 की तड़के 4:59 बजे तक बढ़ा दिया गया है।’’

पीएए के बयान में कहा गया है कि भारत में पंजीकृत, संचालित, स्वामित्व वाले या पट्टे पर दिए गए सभी विमान इस प्रतिबंध के तहत आयेंगे।

बयान में कहा गया है, ‘‘यह प्रतिबंध भारतीय सैन्य विमानों पर भी लागू होगा। भारतीय एयरलाइन या ऑपरेटर द्वारा संचालित किसी भी उड़ान को पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।’’

पीएए ने कहा कि निर्देश के तहत, भारतीय एयरलाइंस या ऑपरेटर द्वारा संचालित किसी भी उड़ान को पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

पाकिस्तान ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत द्वारा उठाए गए कदमों के बाद पिछले महीने भारत के लिए अपने हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध लगा दिया था।

पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे।

यह प्रतिबंध 23 मई तक एक महीने के लिए लगाया गया था, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के नियमों के अनुसार हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध एक बार में एक महीने से अधिक के लिए नहीं लगाया जा सकता है।

हवाई क्षेत्र को एक महीने के लिए बंद करने की अवधि बढ़ाए जाने से दो दिन पहले दिल्ली-श्रीनगर उड़ान का संचालन कर रहे इंडिगो के एक पायलट ने बुधवार को खराब मौसम से बचने के लिए पाकिस्तान हवाई क्षेत्र में प्रवेश का अनुरोध किया था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया था।

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भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा : जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और ‘‘परमाणु ब्लैकमेल’’ के आगे कभी नहीं झुकेगा।

जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने यह भी कहा, ‘‘भारत पाकिस्तान के साथ पूरी तरह से द्विपक्षीय तरीके से निपटेगा’’ और इस संबंध में ‘‘किसी को कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।’’

विदेश मंत्री जयशंकर वर्तमान में तीन देशों की यूरोप यात्रा के तहत जर्मनी में हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया के तुरंत बाद बर्लिन आया था। मैं आपको वह बताना चाहता हूं जो मैंने उस संदर्भ में वेडफुल को बताया। भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत कभी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत पाकिस्तान के साथ पूरी तरह से द्विपक्षीय तरीके से निपटेगा। इस संबंध में किसी को कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।’’

उन्होंने यह भी कहा कि भारत ‘‘जर्मनी की इस समझ’’ को महत्व देता है कि ‘‘हर देश को आतंकवाद के खिलाफ खुद का बचाव करने का अधिकार है।’’

भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद कूटनीतिक संपर्क स्थापित किया है। पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत सीमा पार आतंकवाद के किसी भी कृत्य को भारत के खिलाफ युद्ध मानेगा।

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गाजा में हुए इजराइली हमलों में कम से कम 60 लोगों की मौत

गाजा में 24 घंटे के दौरान इजराइली हमलों में कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

नासिर, अल-अक्सा और अल-अहली अस्पतालों के अनुसार दक्षिणी शहर खान यूनिस में हुए हमलों में कम से कम 10, दीर अल-बलाह में चार और जबालिया शरणार्थी शिविर में नौ लोगों की मौत हो गई। मृतकों के शव इन अस्पतालों में लाए गए थे।

इजराइल अपने हालिया हमले के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से बढ़ती आलोचना का सामना कर रहा है। उस पर भयावह मानवीय संकट के बीच गाजा में सहायता पहुंचाने के लिए दबाव डाला जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इजराइल ने लगभग तीन महीने से गाजा में नाकेबंदी कर रखी है।

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि गाजा के 20 लाख निवासियों में से कई पर भुखमरी का खतरा मंडरा रहा है। यहां तक कि इजराइल के कट्टर समर्थक अमेरिका ने भी भुखमरी की स्थिति पर चिंता जताई है।

इस सप्ताह के आरंभ में फ्रांस, ब्रिटेन और कनाडा ने गाजा में युद्ध से निपटने के इजराइल के तरीके तथा वेस्ट बैंक पर इसकी कार्रवाइयों आलोचना की थी और आगाह किया था कि इजराइल सरकार ने सैन्य हमले बंद नहीं किए और मानवीय सहायता पर रोक नहीं हटाई गई तो वे ‘ठोस कार्रवाई’ करेंगे।

इस बीच, इजराइल ने अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच गाजा में सहायता पहुंचानी शुरू कर दी है। इजराइली अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने 100 से ज्यादा ट्रकों से सहायता सामग्री की आपूर्ति की है, जिसमें आटा, भोजन, चिकित्सा उपकरण और दवाएं शामिल हैं। ट्रक केरेम शालोम सीमा मार्ग से गाजा पहुंचे।

हालांकि संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों का कहना है कि यह हालिया युद्ध विराम के दौरान प्रतिदिन आने वाले लगभग 600 ट्रकों की तुलना में बहुत कम है।

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों का कहना है कि इजराइली सैन्य प्रतिबंधों और गाजा में कानून-व्यवस्था बिगड़ने से सहायता प्राप्त करना और वितरित करना मुश्किल हो गया है। नतीजतन, अभी तक जरूरतमंदों तक बहुत कम सहायता पहुंच पाई है।

विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने शुक्रवार को कहा कि बृहस्पतिवार रात दक्षिणी गाजा में उसके 15 ट्रक लूट लिए गए, जिन्हें डब्ल्यूएफपी समर्थित बेकरियों में भेजा जा रहा था।

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