पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी है कि ‘‘भारत के साथ युद्ध की संभावनाएं वास्तविक हैं’’ और दावा किया कि भविष्य में किसी भी सशस्त्र संघर्ष की स्थिति में उनका देश और भी बड़ी सफलता हासिल करेगा।
आसिफ ने यह टिप्पणी मंगलवार को ‘समा टीवी’ को दिए एक साक्षात्कार में की, जब एंकर ने उनसे भारतीय राजनेताओं और शीर्ष सैन्य अधिकारियों के हालिया बयानों के बारे में पूछा। मंत्री ने कहा कि सशस्त्र टकराव का खतरा है तथा पाकिस्तान सतर्क है और स्थिति पर नजर रख रहा है।
एक सवाल के जवाब में आसिफ ने कहा, ‘‘भारत के साथ युद्ध की संभावनाएं वास्तविक हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि भारत के साथ युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान को अधिक अनुकूल परिणाम मिलने की संभावना है।
आसिफ ने कहा, ‘‘मैं तनाव नहीं बढ़ाना चाहता, लेकिन जोखिम वास्तविक हैं, और मैं इससे इनकार नहीं कर रहा। अगर युद्ध की नौबत आई, तो ईश्वर की कृपा से हम पहले से बेहतर परिणाम प्राप्त करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के समर्थक और सहयोगी छह महीने पहले की तुलना में अब ज्यादा हैं, जबकि दावा किया कि भारत ने उन देशों का भी समर्थन खो दिया है जो मई में हुए संघर्ष से पहले उसके पक्ष में थे। हालांकि, आसिफ ने इस श्रेणी में किसी भी देश का नाम लेने से परहेज किया।
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बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने बुधवार को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और कई अन्य लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
न्यायाधिकरण ने यह कार्यवाही अवामी लीग शासन के दौरान कथित तौर पर लोगों को जबरन गायब करने और मानवता के विरुद्ध अपराध के आरोप में की है।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक न्यायमूर्ति मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मजूमदार की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) पीठ ने दो अलग-अलग मामलों में दायर आरोपों पर संज्ञान लिया।
बीडीन्यूज24 समाचार पोर्टल की खबर के मुताबिक इन मामलों में हसीना और 29 अन्य पर सुरक्षा एजेंसियों द्वारा संचालित गुप्त प्रतिष्ठानों में राजनीतिक विरोधियों को हिरासत में लेने, यातना देने और गायब करने का आरोप लगाया गया है।
सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस के मुताबिक, आईसीटी ने हसीना और मामले में संलिप्त अन्य लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है और आरोपियों को अदालत में पेश करने के लिए 22 अक्टूबर की तारीख तय की है।
हसीना पिछले साल पांच अगस्त को सरकार विरोधी छात्र-नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के बीच देश छोड़कर भारत चली गई थीं।
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म्यांमा में और उसकी सीमाओं पर स्थित शरणार्थी शिविरों में अमेरिका द्वारा दी जा रही मदद को बंद किये जाने से स्थिति बिगड़ गई है और लोग, विशेष तौर पर बच्चे भुखमरी का शिकार हो रहे हैं। एसोसिएटेड प्रेस की खबर में यह खुलासा हुआ है।
एपी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिकी मदद रोके जाने के बाद के हालात का जायजा लेने के लिए म्यांमा के 21 शरणार्थियों, म्यांमा के अंदर नजरबंदी शिविरों में फंसे पांच लोगों और 40 सहायता कार्यकर्ताओं, चिकित्सकों और शोधकर्ताओं का साक्षात्कार लिया जिससे व्यापक असर का खुलासा हुआ।
लोगों ने बताया कि बच्चे भूख से बिलख रहे हैं, असंतुष्टों को आश्रय देने वाले निषिद्ध केंद्रों को बंद कर दिया गया है और लोगों को जीवित रहने के लिए प्रतिदिन जंगल में घंटों भोजन की तलाश करनी पड़ती है।
एपी के संवाददाता जब मौके पर गए तो पाया कि मोहम्मद ताहिर अपने दो साल के बेटे के बेजान शरीर को लिये रो पड़े। ताहिर ने बताया कि अप्रैल में म्यांमा स्थित उनके नज़रबंदी शिविर में उनके परिवार के लिए राशन आना बंद हुआ, तब से वह बेबस अपने बेटे को कमजोर होता देख रहे थे जो भूख से बिलख रहा था।
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अमेरिका में दूसरे सप्ताह भी जारी ‘शटडाउन’ के कारण संसद भवन परिसर ‘कैपिटल’ में सांसदों के दौरे ठप पड़ गए हैं, जबकि सदन में कामकाज बंद है।
वहीं, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संघीय कर्मचारियों को बड़े पैमाने पर नौकरी से निकालने और शेष लोगों को पिछला वेतन देने से इनकार करने की धमकी दी है। सरकारी ‘शटडाउन’ के दूसरे सप्ताह के बावजूद इसके खत्म होने का कोई स्पष्ट संकेत नजर नहीं आ रहा है।
वर्मोंट के स्वतंत्र सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने सीनेट में देर शाम तक तर्क दिया, ‘‘आपको बातचीत करनी ही होगी। यही काम करने का तरीका है।’’ उन्होंने कहा, लेकिन इस संबंध में कम से कम सार्वजनिक रूप से तो कोई बातचीत नहीं चल रही है।
कांग्रेस (अमेरिकी संसद) में बहुमत वाले रिपब्लिकन पार्टी के सांसद मानते हैं कि राजनीतिक रूप से उनका पलड़ा भारी है, क्योंकि वे ‘शटडाउन’ समाप्त करने की किसी भी योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा सब्सिडी के लिए तुरंत धन मुहैया कराने की डेमोक्रेटिक पार्टी की मांगों को नाकाम कर रहे हैं।
लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद भी डटे हुए हैं, उन्हें यकीन है कि स्वास्थ्य सेवाओं की कीमतों में तेजी से हो रही बढ़ोतरी को रोकने की लड़ाई में अमेरिकी उनके साथ हैं और वे शटडाउन के लिए ट्रंप को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
हालांकि, पर्दे के पीछे बेचैनी के संकेत साफ दिखाई दे रहे हैं। रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर के एक समूह ने स्वास्थ्य बीमा समस्या के समाधान के विकल्पों पर चर्चा की है। मेन की सीनेटर सुसन कॉलिन्स ने अपनी योजनाएं पेश की हैं।
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