दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति निवास की सुरक्षा करने वाली एक सैन्य इकाई ने मंगलवार को पुलिस और भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी (सीआईओ) के अधिकारियों को राष्ट्रपति निवास में प्रवेश की मंजूरी दे दी। यह कदम इसलिए उठाया गया, ताकि महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून सुक योल को गिरफ्तार किया जा सके। सीआईओ के अधिकारियों के अनुरोध पर, कैपिटल डिफेंस कमांड ने कहा कि वे पुलिस, सीआईओ और रक्षा मंत्रालय के जांचकर्ताओं को राष्ट्रपति निवास में प्रवेश करने की अनुमति देंगे। योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, यह सैन्य इकाई राष्ट्रपति निवास के बाहर की सुरक्षा करती है। इससे पुलिस और सीआईओ अधिकारियों को राष्ट्रपति यून को हिरासत की छूट मिल जाएगी। उम्मीद जताई जा रही है कि सीआईओ राष्ट्रपति यून को बुधवार को हिरासत में ले सकती है।
इससे पहले दिन में, राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा (पीएसएस) ने यून को हिरासत में लेने के प्रयास को रोकने की चेतावनी दी थी और कहा था कि राष्ट्रपति निवास में जबरन प्रवेश अवैध होगा। पीएसएस ने यह भी कहा कि वे सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार ही जवाब देंगे। पीएसएस ने पुलिस और सीआईओ के अधिकारियों के साथ बैठक के कुछ घंटों बाद बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि मार्शल लॉ के तहत यून की गिरफ्तारी वारंट पर क्रियानवयन करने पर चर्चा की गई थी।
इससे पहले 3 जनवरी को सीआईओ ने यून को गिरफ्तार करने की कोशिश की थी, लेकिन तब पीएसएस ने उन्हें रोक दिया था। पीएसएस ने यह भी बताया कि राष्ट्रपति निवास जैसे महत्वपूर्ण सुरक्षा क्षेत्रों में प्रवेश के लिए पूर्व अनुमोदन आवश्यक होता है। इन क्षेत्रों में जबरन प्रवेश अवैध माना जाता है। पीएसएस ने कहा कि वे पुलिस और सीआईओ के साथ समन्वय करेंगे ताकि किसी भी तरह की झड़प से बचा जा सके। बता दें कि 3 दिसंबर, 2024 को यून ने अल्पकालिक मार्शल लॉ की घोषणा की थी। इसके बाद और 14 दिसंबर को उन पर लगे महाभियोग के बाद से दक्षिण कोरिया राजनीतिक अनिश्चितता का सामना कर रहा है।
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रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में केरल के एक शख्स की मौत हो गई है। वहीं एक अन्य शख्स घायल हो गया है। दोनों को रूसी सेना में सेवा देने के लिए भर्ती किया गया था। रूस में एक भारतीय नागरिक की मौत के बाद भारत ने संघर्ष क्षेत्र में रूसी सेना में काम कर रहे अन्य भारतीयों को जल्द वापस भेजने की अपनी मांग दोहराई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमें केरल के एक भारतीय नागरिक की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के बारे में पता चला है, जिसे जाहिर तौर पर रूसी सेना में सेवा देने के लिए भर्ती किया गया था। केरल का एक अन्य भारतीय नागरिक, घायल हो गया है और उसका मॉस्को के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।"
जायसवाल ने मृतक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि मॉस्को में भारतीय दूतावास परिवारों के संपर्क में है और हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। उन्होंने बताया कि मृतक का पार्थिव शरीर भारत लाने के लिए भारतीय दूतावास रूसी अधिकारियों के साथ काम कर रहा है। अधिकारी ने कहा, "हमने घायल व्यक्ति को जल्द से जल्द छुट्टी देने और भारत वापस भेजने की भी मांग की है। इस मामले को आज मॉस्को में रूसी अधिकारियों के साथ-साथ नई दिल्ली में रूसी दूतावास के समक्ष भी जोरदार तरीके से उठाया गया है। हमने शेष भारतीय नागरिकों को भी जल्द से जल्द छुट्टी देने की अपनी मांग दोहराई है।"
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इजरायल और हमास के बीच गाजा में युद्धविराम और फिलिस्तीनी ग्रुप की तरफ से बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई के लिए समझौता वार्ता अंतिम स्तर पर है। उम्मीद जताई जा रही है कि आज ही समझौते का ऐलान हो सकता है। इस बीच सीजफायल डील के लिए नेतन्याहू सरकार के भीतर से ही विरोध शुरू हो गया है। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल के दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्वीर ने सरकार की तरफ से युद्ध विराम समझौते पर सहमति जताने की सूरत में इस्तीफा देने की धमकी दी है। उन्होंने वित्त मंत्री बेजलेल स्मोट्रिच से भी उनका साथ देने की अपील की है। क्या इन दोनों मंत्रियों का विरोधी रुख नेतन्याहू सरकार को डील करने से रोक पाएगा।
रिपोर्ट में इजरायल के विदेश मंत्रालय के पूर्व महानिदेशक एलन लील के हवाले से कहा गया, "इस स्तर पर, यह स्पष्ट है कि ये दो मंत्री- बेन-ग्विर और स्मोट्रिच, और शायद कुछ अन्य डील के खिलाफ मतदान करेंगे। लेकिन यह भी स्पष्ट है कि बहुमत समझौते के पक्ष में ही होगा। लील ने कहा, “अभी सवाल यह है कि क्या वे इस्तीफा देंगे, और सरकार छोड़ देंगे।' उनके मुताबिक “मुझे नहीं लगता कि ग्वीर और स्मोट्रिच के पास ऐसा कोई विकल्प है क्योंकि केंद्र की पार्टियां समझौते के मुद्दे पर नेतन्याहू का समर्थन करेंगी। इसलिए यह सब नेतन्याहू पर निर्भर करता है। अगर नेतन्याहू को लगता है कि वे गठबंधन में अपने असली सहयोगियों को खो रहे हैं तो वे सौदे से हट सकते हैं - लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह यथार्थवादी है।'
इजरायल के विदेश मंत्रालय के पूर्व महानिदेशक ने कहा, "मुझे लगता है कि नेतन्याहू दोनों मंत्रियों के बिना ही इस समझौते को पारित करने के लिए आगे बढ़ेंगे, अगर वे दोनों सरकार छोड़ देते हैं, तो वे संसद के अधिक सदस्यों के साथ सरकार को मजबूत करने की कोशिश करेंगे। इसलिए मेरा अनुमान है कि वे दोनों मंत्री इसके खिलाफ वोट करेंगे, लेकिन सरकार नहीं छोड़ेंगे।" एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बेन ग्वीर ने संभावित समझौते को 'भयानक' बताया। उन्होंने दावा किया की उनका इस्तीफा अकेले नेतन्याहू को गाजा समझौते पर हस्ताक्षर करने पर फिर से सोचने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है। लेकिन स्मोट्रिच के साथ, वे नेतन्याहू के लिए आगे बढ़ना असंभव बना सकते हैं। हालांकि संभावित समझौते को इजरायल की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए 'विपत्ति' कहने के बावजूद, स्मोट्रिच ने सरकार से इस्तीफा देने की धमकी नहीं दी है।
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अमेरिका के लॉस एंजिल्स में इन दिनों जंगलों में भीषण आग लगी है। इस दौरान यहां के अमीर लोगों द्वारा निजी अग्निशामकों (फायर फाइटर) की नियुक्ति को लेकर विवाद छिड़ गया है। लॉस एंजिल्स में कई रियल एस्टेट निवेशक और अमीर लोग अपने घरों की सुरक्षा के लिए निजी अग्निशामकों को नियुक्त कर रहे हैं। इस पर आम लोगों को नाराजगी है। एक रियल एस्टेट निवेश फर्म के सह-संस्थापक कीथ वासरमैन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि तेजी से आग फैलने के कारण अमीर लोग निजी अग्निशामकों की मदद ले रहे हैं, जबकि पड़ोसियों के घर जल रहे हैं।
नेशनल वाइल्डफायर सप्रेशन एसोसिएशन की कार्यकारी निदेशक डेबोरा माइली के अनुसार, अमेरिका में काम करने वाले लगभग 45 प्रतिशत अग्निशामक निजी तौर पर काम करते हैं। ओरेगन की एक निजी अग्निशमन कंपनी के उपाध्यक्ष ब्रायन व्हीलॉक ने बताया कि निजी अग्निशामक दल की नियुक्ति पर बहुत अधिक खर्च आता है। छोटी टीम के लिए 3,000 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन और बड़ी टीम के लिए 10,000 डॉलर प्रतिदिन तक खर्च हो सकता है। लेकिन इन निजी कंपनियाें को आलोचना का सामना भी करना पड़ रहा है।
आग के कारण लाखों लोग अपने घरों को छोड़ने को मजबूर हो गए हैं, वे सार्वजनिक अग्निशामकों पर निर्भर हैं। लॉस एंजिल्स टाइम्स के मुताबिक, निजी अग्निशामकों का उपयोग भेदभाव को बढ़ावा देने के रूप में देखा जा रहा है, इससे यह विवाद और बढ़ गया है। एक और चिंता यह है कि क्या निजी अग्निशामकों को जंगल में आग पर काबू पाने के लिए सार्वजनिक हाइड्रेंट्स (जिससे पानी निकलता है) का उपयोग करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इस मुद्दे पर भी सवाल उठ रहा है। कैलिफोर्निया प्रोफेशनल फायरफाइटर्स के अध्यक्ष ब्रायन राइस ने कहा कि निजी अग्निशामकों को एक दायित्व माना जाता है, न कि एक संपत्ति।
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यमन के हूती ग्रुप ने मंगलवार तड़के इजरायल पर मिसाइल दागी, जिससे तेल अवीव और कब्जे वाले वेस्ट बैंक में कुछ इजरायली बस्तियों सहित बड़े क्षेत्रों में सायरन बजने लगे। इजरायली सेना ने यह जानकारी दी। सेना ने कहा, "मिसाइल को रोकने के कई प्रयास किए गए और संभवत: इसमें कामयाबी मिली।" किसी के घायल होने की सूचना नहीं है, लेकिन हमले से संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। पुलिस ने एक बयान में कहा कि यरुशलम के बाहरी इलाके में मेवो बेतार और त्ज़ुर हदासा में घरों को नुकसान पहुंचा है। पुलिस की ओर से जारी की गई एक तस्वीर में एक रिहायशी घर की छत में मिसाइल का टुकड़ा धंसा हुआ दिखाई दे रहा है। नुकसान का आकलन करने और साइट को सुरक्षित करने के लिए बम डिस्पोजल यूनिट और अतिरिक्त पुलिस बल क्षेत्र में काम कर रहे हैं।
हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने ग्रुप के अल-मसीरा टीवी पर प्रसारित एक बयान में कहा, "हमने हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल का उपयोग करके तेल अवीव में इजरायली दुश्मन के एक महत्वपूर्ण लक्ष्य को निशाना बनाते हुए एक सैन्य अभियान चलाया।" प्रवक्ता ने कहा, "ऑपरेशन ने अपना लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल कर लिया।' उन्होंने यह भी कहा कि उनके समूह ने चार ड्रोन का उपयोग करके एक हमला भी किया और तेल अवीव में 'महत्वपूर्ण लक्ष्यों' को निशाना बनाया। सरिया ने कसम खाई कि उनके समूह के इजरायल के खिलाफ हमले 'गाजा पट्टी पर आक्रमण बंद होने तक' जारी रहेंगे।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला हूती विद्रोहियों द्वारा इजरायल की तरफ ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइल दागे जाने के बाद हुआ, जिन्हें रोक दिया गया। सोमवार को, इजराइली मीडिया ने "यमन से दागी गई मिसाइल" को रोके जाने की खबर दी, जिसने तेल अवीव में बेन गुरियन एयरपोर्ट पर हवाई यातायात को बाधित कर दिया। इससे पहले, हूती समूह ने एक बयान भी जारी किया था कि उसने उत्तरी लाल सागर में यूएसएस हैरी एस. ट्रूमैन विमानवाहक पोत के खिलाफ एक नया मिसाइल और ड्रोन हमला किया। दावा किया गया कि हमला नौ घंटे तक चला। नवंबर 2023 से, हूती ग्रुप इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहे हैं और लाल सागर में "इजरायल से जुड़े" शिपिंग को बाधित कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे ये गाजा पट्टी में इजरायल के साथ चल रहे संघर्ष के बीच फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कर रहे हैं।
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