कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी सरकार पर हमला बोला है। सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि BJP और मोदी सरकार कांग्रेस को आर्थिक रूप से अपंग बना रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार हमारे सारे खाते बंद कर रही है। जयराम रमेश ने इसे प्रतिशोध की राजनीति बताया है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा जो अभी कांग्रेस पार्टी के खिलाफ एक अभियान चलाया जा रहा है, यह खाता बंदी है। कांग्रेस के सभी खातों को बंद करने की कोशिश की जा रही है। इससे हम डरते नहीं हैं। इस लड़ाई को हम इनकम टैक्स ट्रीबूनल में लड़ रहे हैं। अगर हमें जरूरत पड़ी तो हम अदालत में भी जाएंगे।
उन्होंने कहा, "साल 2018-2023 के बीच करीब 30 निजी कंपनियों के खिलाफ एजेंसियों ने एक्शन लिया। फिर इन्हीं कंपनियों से पिछले चार साल में BJP को 335 करोड़ रुपए का चंदा मिला है। ये 'हफ्ता वसूली' है।"
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जयराम रमेश ने कहा कि हमारे तीन सवाल हैं-
1. जिस तरह मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था पर श्वेतपत्र प्रकाशित किया था, क्या उसी तरह 'हफ्ता वसूली' पर श्वेतपत्र प्रकाशित करेंगे?
2. BJP सरकार कहती है कि उनकी फंडिंग में पारदर्शिता है, तो क्या चुनाव आयोग ने न्यूज पोर्टल से जो जानकारी ली है, आप उसका खण्डन करेंगे?
3. अगर आपकी नीयत साफ है तो क्या आप सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में जांच स्वीकार करेंगे?
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जयराम रमेश ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस पार्टी के खिलाफ उत्पीड़न और प्रतिशोध की राजनीति हो रही है, वहीं दूसरी तरफ निजी कंपनियों के खिलाफ ED, CBI, IT का दुरुपयोग किया जा रहा है ताकि उनसे हफ्ता वसूली हो सके। यह लोकतंत्र के खिलाफ है, लेकिन प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सत्ता पाने के लिए सारी हदें पार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ED, CBI का डर दिखाकर, निजी कंपनियों से सरकार हफ्ता वसूली कर रही है करीब 30 कंपनियों के खिलाफ ईडी और सीबीआई की जांच की शुरुआत की गई है।
उन्होंने कहा कि, इसकी जानकारी इलेक्शन कमिशन की वेबसाइट पर भी है। इन 30 कंपनियों से 4 सालों में बीजेपी पार्टी को 335 करोड रुपए चंदा के तौर पर मिला है। इन कंपनियों ने कुछ गड़बड़ी की है तो इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। ED और सीबीआई की धमकी देकर इन कंपनियों से चंदा लेना, यह बड़ी बात है। इसके जरिए ब्लैकमेल की राजनीति की जा रही है।
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वहीं कांग्रेस नेता ने कहा कि क्या आपको प्रधानमंत्री की ‘चंदा दो, बेल और बिजनेस लो’ योजना के बारे में पता है? देश में प्रधानमंत्री ‘वसूली भाई’ की तरह ED, IT और CBI का दुरुपयोग कर ‘चंदे का धंधा’ कर रहे हैं। रिपोर्ट्स में सामने आया है कि वसूली एजेंट बन चुकी एजेंसियों की जांच में फंसी 30 कंपनियों ने बीजेपी को जांच के दौरान 335 करोड़ का चंदा दिया। चंदे का धंधा इतनी बेशर्मी से चल रहा है कि MP की एक डिस्टिलरी के मालिकों ने बेल मिलते ही बीजेपी को चंदा दिया। मित्र की कंपनी को बेईमानी से फायदा और बाकियों के लिए अलग कायदा? मोदी राज में बीजेपी को दिया ‘अवैध चंदा’ और ‘Electoral Bond’ ही ‘Ease Of Doing Business’ की गारंटी है।
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