
देशभर में वक्फ संपत्तियों से जुड़े रिकॉर्ड के मामले में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। नए “उम्मीद” वक्फ डेटाबेस की तुलना पुराने रिकॉर्ड से करने पर पता चला है कि कुल 3,55,312 वक्फ संपत्तियां अब रिकॉर्ड से गायब हैं। इस मुद्दे ने वक्फ बोर्ड की डेटा विश्वसनीयता और संपत्ति संरक्षण प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पूर्व जम्मू-कश्मीर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस अंतर को गहनता से जांचने की मांग की है ताकि संपत्तियों के रख-रखाव और रिकार्ड की यथार्थता सुनिश्चित की जा सके।
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वक्फ बोर्डों द्वारा संचालित पहले के डेटाबेस की तुलना जब “उम्मीद” नाम के नए डिजिटल डेटाबेस से की गई, तो यह अंतर सामने आया कि पुराने रिकॉर्ड वाले हजारों वक्फ संपत्तियां नई सूची में शामिल नहीं हैं।
वर्तमान और पुराने आंकड़ों के बीच 3.55 लाख से अधिक संपत्तियों का अंतर देखकर यह रोष की वजह बन गया है कि कहीं संपत्तियों की सूची से जानबूझकर कटौती तो नहीं की गई या रिकॉर्ड रखरखाव में अनियमितताएं तो नहीं हैं।
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पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस अंतर को गंभीर मानते हुए कहा है कि वक्फ संपत्तियों की पहचान, उनके रिकॉर्ड और उनके संरक्षण से जुड़े सभी पहलुओं की विस्तृत और स्वतंत्र जांच की जानी चाहिए।
उनका कहना है कि वक्फ संपत्तियां सामाजिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं और इनका सही रिकॉर्ड न होना न केवल प्रशासनिक कमजोरी है बल्कि संपत्तियों के संभावित दुरुपयोग और हेराफेरी का कारण भी बन सकता है।
महबूबा मुफ्ती ने इस जांच में वक्फ बोर्ड के कार्यप्रणाली, संपत्ति रजिस्ट्रेशन, डिजिटल डेटाबेस को विकसित करने की प्रक्रिया और पुराने और नए रिकॉर्ड के अनुपात को शामिल करने की भी अपील की है।
विशेष रूप से उन्होंने यह भी कहा है कि यदि संपत्तियों के गायब होने के पीछे कोई भूल है तो उसे भी तुरंत ठीक किया जाना चाहिए, और अगर कोई जानबूझकर संपत्ति की पहचान से छेड़छाड़ कर रहा है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
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वक्फ संपत्तियां मुख्यतः धार्मिक, सामाजिक और शिक्षा से जुड़े उद्देश्यों के लिए रखी जाती हैं। देश में इन संपत्तियों की देखभाल, उनका सही रिकॉर्ड और उनका उपयोग वक्फ बोर्डों की जिम्मेदारी है।
जब इतने बड़े पैमाने पर संपत्तियों के गायब होने जैसे संकेत सामने आते हैं, तो यह न केवल वक्फ बोर्ड की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाता है बल्कि संपत्तियों की सुरक्षा, लेनदेन की पारदर्शिता और डिजिटलाइजेशन के सही कार्यान्वयन को भी निशाना बनाता है।
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