हालात

व्यासी बिजली परियोजना के प्रभावितों को 48 घंटे में गांव खाली करने का नोटिस, प्रशासन के रवैये से लोगों में नाराजगी

इतने कम समय में गांव खाली करने को मजबूर ग्रामीण जहां सरकार और प्रशासन से नाराज हैं, वहीं अपने पैतृक गांव, पुश्तैनी खेत-खलिहान से बिछड़ने का दर्द उन्हें सता रहा है। उनका आरोप है कि प्रशासन ने 48 घंटे में गांव खाली करने का नोटिस दिया है, जो बेहद कम समय है।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

उत्तराखंड के देहरादून में व्यासी जल विधुत परियोजना से प्रभावित लोहारी गांव के ग्रामीणों को प्रशासन ने अचानक से 48 घंटे के भीतर गांव खाली करने का नोटिस थमा दिया है। प्रशासन से नोटिस मिलने के बाद व्यासी जल विद्युत परियोजना से प्रभावित लोहारी गांव के ग्रामीणों ने भारी मन से अपना सामान समेट कर गांव खाली करना शुरू दिया है।

Published: undefined

देहरादून में व्यासी जल विधुत परियोजना के लिए यमुना नदी पर बने बांध से करीब 90 परिवार पूर्ण रूप से विस्थापित हो रहे हैं, जिन्हें प्रशासन ने गांव खाली करने का लास्ट अल्टीमेटम दे दिया है। इतने कम समय में गांव खाली करने को मजबूर ग्रामीण जहां सरकार और प्रशासन के रवैये से नाराज हैं, वहीं अपने पैतृक गांव, पुश्तैनी खेत-खलिहान से बिछड़ने का दर्द उन्हें सता रहा है।

Published: undefined

ग्रामीणों की नम आंखें उनका दर्द स्पष्ट बयान कर रही हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने 48 घंटे में गांव खाली करने का नोटिस दिया है, जो बेहद कम समय है। हालांकि ग्रामीणों के एक प्रतिनिधि मंडल ने सरकार से अपने विस्थापन और मुआवजे आदि मांगों के समाधान और कुछ अतिरिक्त समय की मांग की है। वहीं मामले में एडीएम देहरादून एस.के. बर्नवाल का कहना है कि नियमानुसार गांव को खाली करवाने की कार्यवाही की जा रही है।

Published: undefined

बता दें 120 मेगावाट क्षमता की व्यासी बांध परियोजना विद्युत उत्पादन के लिए तैयार है। बांध परियोजना की 60-60 मेगावाट की दोनों टरबाइन मशीन विद्युत उत्पादन के लिए तैयार हो चुकी है, जिसके लिए यूजेवीएनएल प्रबंधन ने बांध परियोजना की झील में पानी भरना भी शुरू कर दिया है। झील में 621 आरएल तक पानी भरने के बाद बांध परियोजना की सभी टेस्टिंग हो चुकी है। अब बांध परियोजना से विद्युत उत्पादन के लिए 630 आरएल तक पानी भरा जाना जरूरी है जिसके बाद परियोजना की टरबाइन शुरू होकर विद्युत उत्पादन विधिवत शुरू हो सकेगा। लेकिन 624 आरएल पर लोहारी गांव बसा है। लोहारी गांव के ग्रामीणों को अन्यत्र विस्थापित करने के बाद ही झील में 630 आरएल तक पानी भर पाएगा इसी क्रम में कार्रवाई गतिमान है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined