उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के पिपराइच थाना क्षेत्र में एक परचून व्यापारी के बेटे का अपहरण कर उसकी हत्या की घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने कहा कि गोरखपुर से अपहृत बच्चे की हत्या का समाचार बेहद दर्दनाक और दुखद है। शोकाकुल परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। उन्होंने कहा कि लगातार अपहरण और हत्याओं के बावजूद बीजेपी सरकार का निर्लज्ज मौन और निष्क्रियता प्रश्नचिन्ह के घेरे में है।
बता दें कि गोरखपुर के अपहृत बच्चे बलराम का शव आज पिपराइच के जंगल तिनकोनिया नंबर-2 के केवटहिया नाले के पास से बरामद हुआ है। अतरिक्त पुलिस अधीक्षक अरविंद पांडेय ने बताया कि व्यापारी का बेटा रविवार की दोपहर में गायब हुआ था। दोपहर बाद 3 बजे एक फोन नंबर से कॉल आई थी। शाम 5 बजे परिजनों ने पुलिस की सूचना दी थी। तभी से कई टीमें इस मामले में लगी हुई थीं। उसके बाद सोमवार को बच्चे का शव बरामद हुआ है।
अतरिक्त पुलिस अधीक्षक अरविंद पांडेय ने बताया कि मामले में एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा मामले में कई संदिग्ध लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है। पुलिस के अनुसार इस वारदात में शामिल गैंग नौसिखिया है। हालांकि उन्होंने कहा कि अभी हत्या का कारण स्पष्ट नहीं है और पूरे मामले में जांच हो रही है।
वहीं मृतक बच्चे के पिता ने बताया, "पुलिस ने जिसका नाम बताया है, उसको हम नहीं जानते। उसने मुझसे 1 करोड़ की फिरौती मांगी थी। पुलिस ने जिसका नाम बताया, वह सामने पड़े तो पहचान हो सकती है। हमारी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। बलराम मेरा इकलौता औलाद था। अपराधियों को उचित सजा मिलनी चाहिए।"
बता दें कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित जंगल छत्रधारी गांव के मिश्रौलिया टोला निवासी महाजन गुप्त घर में ही किराना दुकान चलाते हैं। उनका बेटा बलराम रविवार दोपहर 12 बजे के आसपास दोस्तों के साथ खेलने निकला था। उसके बाद से घर नहीं लौटा। तीन बजे महाजन गुप्त के मोबाइल पर अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि बलराम का अपहरण कर लिया गया है। उसे छुड़ाने के लिए एक करोड़ रुपये का इंतजाम करने की बात कह उसने फोन काट दिया।
महाजन ने पलटकर उस नंबर पर फोन किया, तो मोबाइल स्विच ऑफ मिला, लेकिन थोड़ी देर बाद 10-10 मिनट के अंतराल पर उसी नंबर से दो बार फोन आया। महाजन को बेटे के अगवा होने की बात पर भरोसा नहीं हो रहा था, इसलिए उन्होंने पहले गांव में उसकी तलाश की। पता न चलने पर लोगों को बेटे के अपहरण और फिरौती के लिए आए फोन की जानकारी दी। शाम पांच बजे 112 नंबर पर फोन कर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। कुछ ही देर में क्षेत्राधिकारी चौरीचौरा रचना मिश्रा के अलावा पिपराइच और गुलरिहा थाने की पुलिस और क्राइम ब्रांच के साथ गोरखपुर एसटीएफ की टीम मौके पर पहुंचकर मामले की छानबीन में जुट गई।
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