विदेश मंत्री एस जयशंकर को दी गई ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा की समीक्षा के बाद उनके काफिले में बुलेट रोधी दो नए वाहन जोड़कर उनकी सुरक्षा को और मजबूत किया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के उपरांत पाकिस्तान के खिलाफ भारत द्वारा उठाए गए दंडात्मक कूटनीतिक कदमों के बीच और दोनों देशों में हुए सैन्य संघर्ष के कुछ दिनों बाद यह फैसला लिया गया है। पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी।
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जयशंकर पाकिस्तान के संबंध में विदेश मंत्रालय के कूटनीतिक कदमों का नेतृत्व कर रहे हैं। वह पहलगाम हमले के जवाब में शुरू किए गए भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में विभिन्न देशों के नेताओं और विदेश मंत्रियों से भी बात कर रहे हैं।
सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हाल में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने जयशंकर की सशस्त्र सुरक्षा की समीक्षा की थी और उन्होंने विदेश मंत्री के ‘जेड’ श्रेणी के काफिले में बुलेट रोधी वाहनों को जोड़ने की सिफारिश की थी।
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उन्होंने बताया कि सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए जयशंकर के काफिले में बुलेट-रोधी दो नए वाहन जोड़े जाने की आवश्यकता थी और यह व्यवस्था हाल में की गई है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसी तरह की समीक्षा और खतरे की आशंका को लेकर सूचना मिलने के बाद 2023 में जयशंकर की ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा को बढ़ाकर ‘जेड’ श्रेणी का कर दिया था।
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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की वीआईपी सुरक्षा शाखा मंत्री को सशस्त्र सुरक्षा प्रदान करती है।
वर्तमान में सीआरपीएफ की वीआईपी सुरक्षा के तहत लगभग 200 सुरक्षाकर्मी सेवारत हैं जो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी वाद्रा की सुरक्षा में तैनात हैं।
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