पंजाब में एक बार फिर से हुई भारी बारिश ने बाढ़ की स्थिति को और बदतर बना दिया है। राज्य के सभी 23 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं और अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है। हालात को देखते हुए राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय 7 सितंबर तक के लिए बंद कर दिए गए हैं।
राज्य 1988 के बाद से सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है। बचाव और राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं, लेकिन अभी भी विभिन्न स्थानों से 3.50 लाख से अधिक लोग मदद की तलाश में हैं।भारी बारिश के बाद रूपनगर और पटियाला जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया गया है, जबकि सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय सात सितंबर तक के लिए बंद कर दिए गए हैं।
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पंजाब में बारिश से बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गई है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है। हिमालय से निकलने वाली सतलुज, व्यास और रावी नदियां तथा छोटी नदियां पहले से ही उफान पर हैं, जिससे शहर, गांव और कृषि भूमि जलमग्न हो गई है और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
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सुबह छह बजे भाखड़ा बांध का जलस्तर 1,677.84 फुट था, जबकि इसकी अधिकतम क्षमता 1,680 फुट है। बांध में 86,822 क्यूसेक पानी का प्रवाह हुआ, जबकि 65,042 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। अधिकारियों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश को देखते हुए बांध से पानी छोड़ने की मात्रा 65,000 क्यूसेक से बढ़ाकर 75,000 क्यूसेक की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि नांगल के गांव जलमग्न हो सकते हैं। रूपनगर जिला प्रशासन ने भाखड़ा बांध से पानी छोड़े जाने में वृद्धि के मद्देनजर सतलुज नदी के पास रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा है।
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इस बीच पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरजोत बैंस ने नदी किनारे और निचले इलाकों में रहने वाले श्री आनंदपुर साहिब के निवासियों से सुरक्षित स्थानों या राहत शिविरों में जाने की अपील की। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनके लिए सभी प्रबंध कर दिए गए हैं और पंजाब सरकार संकट की इस घड़ी में उनके साथ मजबूती से खड़ी है।
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अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना, सीमा सुरक्षा बल, पंजाब पुलिस और जिले के अधिकारियों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव अभियान जारी है। इस बीच पटियाला जिला प्रशासन ने भी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के मद्देनजर राजपुरा उप-मंडल में घग्गर नदी के निकटवर्ती गांवों के लिए अलर्ट जारी किया है। अधिकारियों के अनुसार, अंबाला में टांगरी नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है और अंबाला और काला अंब में भारी बारिश के बाद पटियाला में भी इसके बढ़ने की आशंका है।
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