महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने रविवार शाम शिवसेना को यह बताने के लिए निमंत्रण दिया कि क्या वह सरकार बनाना चाहती है और उसके पास राज्य में अगली सरकार बनाने की क्षमता है। राज्यपाल की तरफ से शिवसेना को यह निमंत्रण बीजेपी द्वारा सरकार बनाने से इनकार करने के बाद आया है। बीजेपी महाराष्ट्र में 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि शिवसेना 56 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है।
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राज्यपाल कोश्यारी ने शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे से कहा है कि वह इस मामले पर अपने रुख से अवगत कराएं। हालांकि राजभवन की तरफ से भेजे गए पत्र में कोई समयसीमा नहीं तय की गई है, लेकिन समझा जाता है कि शिवसेना के पास राज्यपाल के सामने सरकार बनाने के लिए जरूरी विधायकों की संख्या के साथ दावा करने के लिए मुश्किल से 24 घंटे का ही समय है।
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संकेतों के अनुसार, शिवसेना तीसरी सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी - एनसीपी (55 विधायक) और चौथी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस (44 विधायक) के बाहर से समर्थन के साथ सरकार बनाने की जोड़तोड़ कर कर सकती है। लेकिन इसी बीच सूत्रों का कहना है कि एनसीपी और कांग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनका समर्थन इस शर्त पर होगा कि शिवसेना, केंद्र में सत्तासीन बीजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़े और और उसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में उसके एकमात्र मंत्री अरविंद सावंत इस्तीफा दे दें।
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इन नए राजनीतिक हालात के बीच खबर है कि जयपुर में डेरा डाले महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायकों ने बैठक कर कोई भी फैसला लेने का निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ दिया है। सूत्रों की मानें तो ज्यादातर विधायक सेना के नेतृत्व वाली सरकार को शर्तो के साथ समर्थन देने के पक्ष में हैं। अब इस बारे में कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे सोनिया गांधी से मुलाकात कर विचार-विमर्श करेंगे।
लेकिन सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस की रणनीति शरद पवार के परामर्श पर निर्भर होगी, जो मंगलवार को एनसीपी विधायकों की बैठक के बाद सोनिया गांधी से मिलने वाले हैं। लेकिन एक बात जो निकलकर आ रही है वह यह कि एनसीपी या कांग्रेस, सरकार बनाने के लिए शिवसेना की मदद तभी करेंगे जब वह एनडीए से अलग हो जाएगी मौदी कैबिनेट में उसके एकमात्र मंत्री अरविंद सावंत इस्तीफा दे देंगे।
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हालांकि शिवसेना ने एक तरह अपनी तरफ से संवाद का रास्ता खोल दिया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में कहा है कि कांग्रेस राज्य की दुश्मन नहीं है। इस बीच, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने विधायकों से मुलाकात की और राजनीतिक हालात पर चर्चा की। विधायकों को मुंबई के एक होटल में रखा गया है।
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