बिहार की राजधानी पटना के पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र में 15 अगस्त को दो भाई-बहन की संदिग्ध मौत के 6 दिन बाद, उनके परिजनों और स्थानीय लोगों ने गुरुवार को जमकर विरोध-प्रदर्शन किया। लोगों ने अटल पथ की सर्विस लेन पर ट्रैफिक जाम कर दिया। बच्चों के परिजनों का आरोप है कि पुलिस मामले को दबा रही है।
भाई-बहन दीपक कुमार (5) और लक्ष्मी कुमारी (7) की लाशें पाटलिपुत्र के इंद्रपुरी इलाके की रोड नंबर-15 पर खड़ी एक कार से मिली थीं।
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बच्चों की मां किरण देवी ने कहा कि उनके बच्चों की हत्या की गई है। उन्होंने कहा, "बच्चों के गले पर दबाने के निशान थे और हाथों पर चोटें थीं। पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। हमे इंसाफ चाहिए।"
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बच्चों को इंसाफ देने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने शाम के व्यस्त समय में टायर जलाकर सड़क जाम कर दी, हालांकि पुलिस और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद 45 मिनट में जाम खुलवाया गया।
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सेंट्रल एसपी सिटी दीक्षा ने कहा, "आज पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के अंतर्गत अटल पथ पर कुछ लोगों द्वारा जाम लगाया गया। उनका कहना था कि कुछ दिन पहले दो बच्चों की हत्या के मामले में उन्हें कुछ लोगों पर संदेह है। वे अपनी शिकायत लेकर सड़क पर आ गए, लेकिन इस बारे में उन्होंने पुलिस को कोई पूर्व सूचना नहीं दी। रोड ब्लॉक को हटा दिया गया और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से बात की। इस अवैध प्रदर्शन में शामिल सभी लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है।"
पाटलिपुत्र थाना के अतिरिक्त प्रभारी (एसएचओ) विशाल कुमार ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कोई स्पष्ट निष्कर्ष नहीं मिला है। उन्होंने कहा, "डॉक्टरों की राय फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की रिपोर्ट के बाद ही आएगी। पुलिस ने विसरा को सुरक्षित रखकर आगे की जांच के लिए FSL भेजा है।"
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दोनों बच्चे 15 अगस्त को दोपहर करीब 12:30 बजे एक स्थानीय शिक्षक के यहां ट्यूशन के लिए गए थे। लेकिन ट्यूशन के बाद वे घर वापस नहीं लौटे।
बच्चों की मां के मुताबिक, उसी दिन शिक्षक का फोन आया था, जिसमें पुष्टि की गई थी कि बच्चे ट्यूशन पर पहुंचे थे। लेकिन जब कई घंटों बाद वे घर नहीं लौटे, तो मां ने शिक्षक से संपर्क किया। शिक्षक ने कहा कि बच्चे निकल चुके हैं और पड़ोस में तलाश करने का सुझाव दिया।
काफी तलाश करने के बाद शाम करीब 7 बजे बच्चों को एक कार के अंदर पाया गया। उन्हें लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। एसएचओ के मुताबिक, “परिजनों ने एफआईआर में किसी भी संदिग्ध का नाम नहीं दिया है। फिलहाल पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
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