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बिलकिस बानो केसः दो दोषियों के खिलाफ पैरोल के दौरान भी दर्ज हुए थे केस, एक पर महिला से छेड़छाड़ का आरोप

बिलकिस गैंगरेप के एक दोषी मितेश पर एक महिला का शील भंग करने के इरादे से उसके साथ मारपीट करने के आरोप में केस दर्ज हुआ था। वहीं दूसरे दोषी रमेश के खिलाफ जेल अधिनियम की धारा 51 (ए) और 51 (बी) के तहत देर से आत्मसमर्पण करने के लिए मामला दर्ज किया गया था।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

गुजरात के बिलकिस बानो केस में दोषियों की रिहाई पर जारी विवाद के बीच सनसनीखेज खुलासा हुआ है। खबरों के मुताबिक दाहोद के एसपी ने बिलकिस बानो गैंगरेप के 11 में से 10 दोषियों की रिहाई को लेकर पॉजिटिव राय भले ही दी थी, लेकिन पुलिस रिकॉर्ड से पता चला है कि बिलकिस के दो दोषियों के खिलाफ पैरोल के दौरान भी केस दर्ज हुए थे। इनमें से एक के खिलाफ तो महिला से छेड़छाड़ के आरोप में पुलिस ने केस दर्ज किया था।

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पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार बिलकिस बानो के दो दोषियों 58 वर्षीय रमेश चंदना और 57 वर्षीय मितेश भट्ट के खिलाफ जेल की अवधि के दौरान अपराध दर्ज किए गए थे। मितेश पर एक महिला का शील भंग करने के इरादे से उसके साथ मारपीट करने का आरोप लगा था। मितेश की जल्द रिहाई पर अपनी राय देते हुए दाहोद के तत्कालीन एसपी बलराम मीणा ने दाहोद के कलेक्टर हर्षित गोसावी को भेजे पत्र में कहा था कि मितेश के खिलाफ 19 जून, 2020 की एक घटना को लेकर रंधिकपुर थाने में एक केस दर्ज किया गया था।

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एसपी के पत्र में कहा गया है कि मितेश के खिलाफ केस धारा 354 (किसी महिला का अपमान करने या उसकी शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला करने या आपराधिक बल का उपयोग करने का अपराध), धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर किया गया अपमान), धारा 506 (2) (उत्तेजित आपराधिक धमकी) और आईपीसी की धारा 114 (उकसाने का आपराध) के तहत दर्ज किया गया था। पत्र के मुताबिक मामले आरोप पत्र दायर किया गया था और मामला अदालत के समक्ष लंबित था। मितेश के इस वचन पर भरोसा करते हुए कि वह मामले में अदालत के फैसले का पालन करेगा, दाहोद के तत्कालीन एसपी ने समयपूर्व रिहाई के खिलाफ अंतरिम अनापत्ति दी थी।

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वहीं दूसरे दोषी रमेश चंदना के खिलाफ 2015 में जेल अधिनियम की धारा 51 (ए) और 51 (बी) के तहत देर से आत्मसमर्पण करने के लिए एक मामला दर्ज किया गया था। हालांकि 7 मार्च, 2022 के पत्र में दाहोद के एसपी हितेश जोयसर ने कहा था कि अगर समय से पहले रिहाई दी जाती है तो कोई आपत्ति नहीं है। यहां गौरतलब है कि चंदना ने सजा के दौरान जेल से 11 बार छुट्टी ली थी। चंदना ने 2015 में 122 दिन देर से आत्मसमर्पण करने के साथ ही तीन बार और ऐसा किया था।

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